कोरोना के इतिहास को लिखेगा हरियाणा

Anil-VIJ sachkahoon

आज के हालात से रूबरू होंगी आने वाली पीढ़ियां

  • गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने रोहतक पीजीआई और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने बनाई टीम

सच कहूँ/अनिल कक्कड़, चंडीगढ़। कोरोना का हरियाणा में अब इतिहास लिखा जाएगा, ताकि सैकड़ों सालों बाद की हमारी पीढ़ियों को इस महामारी के बारे में जानकारी मिल सके। स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि यदि भविष्य में सामने इस तरह की कोई आपदा या महामारी आती भी है तो उन्हें इससे निपटने में मदद मिल सके।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना से जुड़ा इतिहास लिखने के लिए रोहतक पीजीआई और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई है, जिसमें ये जिक्र किया जाएगा कि कोरोना के समय प्रदेश के हालात कैसे थे? इससे निपटने के लिए सरकार ने क्या-क्या उपाय किए?

मंत्री अनिल विज ने कहा कि शुरूआत में जब कोरोना की पहली लहर आई थी, तब हमें इस बारे में कुछ भी पता नहीं था। यहां तक कि मास्क कैसा लगेगा, कहां से मिलेगा, पीपीई किट कहां से बनेगी, क्या-क्या सावधानियां हैं और क्या दवाइयां दी जानी चाहिए। इनके बारे में कुछ भी मालूम नहीं थी, लेकिन फिर हालातों से लड़ते हुए हमें इससे बचाव के बारे में अंदाजा हुआ और अब यही तजुर्बा आने वाली पीढ़ियों के लिए रखना चाहते हैं।

अनिल विज ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद ब्लैक फंगस की बीमारी से भी लड़ना पड़ रहा है। विज ने कहा कि कोरोना के इतिहास के साथ-साथ ब्लैक फंगस के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसके इतिहास को लिखने के लिए एक मेडिकल कालेज में इसके लिए स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं।

ब्लैक फंगस के अब तक 398 केस आए

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि हरियाणा में ब्लैक फंगस के 398 केस सामने आ चुके हैं। प्रदेश में इस वक्त बहुत तेजी से इस बीमारी के मामले बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि इसके इलाज के लिए हमने सभी मेडिकल कॉलेज में स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं, जहां मरीजों का इलाज किया जा रहा है, क्योंकि इसके लिए मल्टीस्पेशलिस्ट डॉक्टर चाहिए। इसके लिए डेंटल सर्जन, ईएनटी, आई स्पेशलिस्ट, न्यूरो के स्पेशलिस्ट चाहिए। विज ने कहा कि इन अंगों पर ब्लैक फंगस का असर हो रहा है। ये सभी सुविधाएं मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध हैं।

इसलिए हम वहां सभी का इलाज कर रहे हैं। अनिल विज ने बताया कि इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली इंफोर्टाइसिन इंजेक्शन, जो कि ब्लैक फंगस की मुख्य दवा है, वो पर्याप्त निर्माण में नहीं थी और बीमारी एकदम से आई है, उसको हासिल करने में दिक्कत हो रही है, लेकिन हमें अब तक 1250 इंफोर्टाइसिन इंजेक्शन उपलब्ध हो चुके हैं। विज ने कहा कि हमने एक्सपर्ट की टीम बनाई है, जो प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है कि किस मरीज को पहले इंजेक्शन देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ये इंजेक्शन एक मरीज को दिन में चार बार और लगभग 10 दिन देने आवश्यक हैं।

इसलिए इंजेक्शन की बहुत सख्त जरूरत है, इसलिए हमने भारत सरकार से 12000 इंजेक्शन और मांगे हैं और हमने विदेशों से भी इंजेक्शन इम्पोर्ट करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है।

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