अबोहर (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा)। बीती रात आये तूफान के कारण जहां सड़कों पर पेड़ टूट कर गिर गये, वहीं नहरों में भी पेड़ों के कारण पानी ओवरफ्लो बहने लगा। जिसके कारण गांव ताजापटी में बजीदपुर माइनर में 20 फीट का कटाव आ गया और आसपास के खेतों में पानी भर गया। यहां के किसानों ने विभाग के बेलदारों पर फोन करनके बावजूद पानी कम नहीं करने का आरोप लगाया है, वहीं विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बड़ी नहर को बचाने के लिये लगे स्टाफ के कारण वे इस ओर नहीं आ पाए।
किसान सुभाष पुत्र बलराम ने बताया कि नहर टूटने की सूचना उन्हें देर रात्रि करीब 1 बजे दी गई थी, लेकिन नेहरी विभाग के कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। उसने बताया कि उसने कंप्यूटर कराहा लगवाकर फसल बिजाई के लिये जमीन तैयार की थी लेकिन बीती रात टूटी नहर के कारण जमीन खराब हुई और उसकी मोटरें भी डूब गई। सुभाष ने बताया कि गेहूं के सीजन में इसी जगह नहर टूट गई थी। लेकिन नहरी विभाग द्वारा इस नहर को नहीं बांधी गई, उन्होंने अपने गांव वासियों के सहयोग से नहर को खुद बांधा था और उनका जो गेहूं का नुकसान हुआ था उनका अभी तक सरकार द्वारा कोई मुआवजा नहीं दिया।
विभाग ने नहीं की पेड़ों को निकालने में मदद
इधर किसान भोजराज, जोति, सुरेंद्र, विनोद, हेतराम, राजू ने नहर में झाड़ियों को ट्रैक्टर के माध्यम से बाहर निकाला गया। किसानों ने बताया है कि नहरी विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा नहर में गिरे पेड़ को निकालने में मदद नहीं की। उन्होंने कहा है कि यदि इस विभाग की लापरवाही रही तो कुछ और स्थानों पर नहर टूटने का खतरा बन सकता है।
इस बारे में नहरी विभाग के जेई हनुमान ने बताया कि बीती रात उनके विभाग के बेलदार के पास फोन आया था। परंतु बड़ी नहर के टूटने का खतरा बना होने के कारण अधिकांश स्टाफ उधर तैनात होने के कारण इस माइनर की तरफ कोई नहीं आ पाया। जेई हनुमान ने बताया कि दूसरी नहरों में भी टूटे हुए पेड़ गिरे हुए हैं, उन्हें निकालने का काम चल रहा है ताकि और ज्यादा नुकसान न हो।
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