हिसार/नारनौंद (सच कहूँ न्यूज)। हिसार जिले में सीएम कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन टूटने के बाद अब गांवों में लॉकडाउन का बहिष्कार किया जा रहा है। डाटा, मसूदपुर, महजत और उमरा के बाद अब गांव माजरा के ग्रामीण वीरवार को इकट्ठा हुए और पंचायत के माध्यम से कई फैसले लिए। इन फैसलों के तहत ग्रामीणों ने असहयोग आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। ग्रामीणों ने एक तरह से लॉक डाउन का बहिष्कार कर दिया है। वहीं एसडीएम को ज्ञापन देकर चेताया कि गांव में प्रशासन किसी प्रकार की दखलअंदाजी ना करें।
वीरवार को गांव माजरा में राजेश कुमार की अध्यक्षता में पंचायत हुई। पंचायत में ग्रामीणों ने कहा कि जब प्रदेश का मुखिया मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही कोरोना के नियमों का पालन नहीं करता तो प्रदेश की जनता पर क्यों थोपे जा रहे हैं? जब वह भीड़ इकट्ठी कर कार्यक्रम में पहुंच सकते हैं। तो हम भी अपने घरों में क्यों बैठे हैं। इस दौरान हिसार में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर एक निंदा प्रस्ताव भी पास किया गया। पंचायत में फैसला लिया गया कि लॉकडाउन का पूर्ण रूप से बहिष्कार होगा, गांव का कोई भी व्यक्ति कोरोना सैंपलिंग व टीकाकरण नहीं करवाएगा।
गांव की सभी दुकानें नियमित रूप से खुलेंगी और पहले की तरह बिना रोक-टोक के विवाह शादी के कार्यक्रम किए जा सकेंगे। राजेश कुमार ने बताया कि हमने प्रशासन अधिकारियों को अपनी बातों से अवगत करवाते हुए एक ज्ञापन दिया है और कहा गया है कि हमारे गांव में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी आएगा तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। ग्रामीण सुमित ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी गांव के अंदर जाते हैं तो यदि घर के अंदर कोई खड़ा है तो उसका भी चालान काट दिया जाता है। हम प्रशासनिक अधिकारियों से बहुत तंग है। सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं। इसलिए हमने इकट्ठा होकर पंचायत कर सभी ग्रामीणों की सहमति से कई फैसले लिए हैं।
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