कहीं गाँव सील तो कहीं लगाए टीकरी पहरे
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बाहरी लोगों पर प्रवेश पर लगाई रोक
रोहतक (सच कहूँ/नवीन मलिक)। गांव में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए अब ग्रामीणों ने कमान संभाल ली है। कई गांवों को तो सील कर दिया है, जबकि कई गांव में टीकरी पहरे चल रहे हैं। यहां तक कि गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है, अगर कोई व्यक्ति गांव में आता है तो गांव की सीमा पर बैठे युवक पूरी जांच पड़ताल करते हैं, इसके बाद ही गांव में प्रवेश दिया जाता है।
भले ही ग्रामीण इस बीमारी से डरे व सहमे हुए हैं, लेकिन अब एक-दूसरे की मदद करते हुए भी नजर आ रहे हैं। साथ ही वातावरण को शुद्ध करने के लिए युवाओं की टोली प्रतिदिन धूनी फेरी निकाल रही है। इसके अलावा प्रशासन ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में चहल कदमी बढ़ा दी है और लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। उपायुक्त ने भी इस संबंध में कई गाँवों का निरीक्षण किया और लोगों को मिली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में पता किया।
मौत के आंकड़ों से बढ़ा भय
जिले के कई गांव में लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़ो को लेकर अब ग्रामीण कुछ जागरूक नजर आए। 20 से अधिक ऐसे गांव हैं, जिनमें मरने वालों की संख्या प्रत्येक गांव के हिसाब से 20 से अधिक है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि इन लोगों की मौत कोरोना से हुई है। अगर गांव टिटौली, मोखरा, मदीना, बोहर, मायना, गढ़ी सांपला का जिक्र किया जाए तो यहां पर इन बीस दिन दिनों के दौरान काफी लोगों की मौत हुई है, जिसके चलते अब ग्रामीण सहमे हुए है और उन्होंने स्वयं मोर्चा संभाल लिया है।
सामूहिक हुक्के और बैठकों पर रोक
ग्रामीणों ने चौपालों में चलने वाले हुक्के व सामूहिक बैठकों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है और इसके लिए युवाओं की कमेटी तक बनाई गई है, जोकि इस पर निगरानी रखे हुए हैं। कई गांव में सामूहिक बैठक व हुक्के को लेकर नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जुर्माना तक तय कर रखा है।
कोविड सैंटर भी बनाए गए
ग्रामीण राजेन्द्र, बिजेन्द्र, सतेन्द्र, महेन्द्र, राजबीर आदि का कहना है कि महामारी का दौर चल रहा है और सभी एक साथ होकर इस महामारी से जीत सकते हैं। इसके अलावा प्रशासन ने भी ग्रामीण स्तर पर जांच का दायरा बढ़ा दिया है। कई गांव में तो कोविड सेंटर भी बनाए गए हैं। महामारी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया गया है और ग्रामीण भी प्रशासन का काफी सहयोग कर रहे हैं।
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