कोरोना संक्रण के चलते बढ़ गया था फेफड़ों में संक्रमण
मुजफ्फरनगर (एजेंसी)। कोरोना संक्रमण के चलते राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह (86) का निधन वीरवार को हो गया। मंगलवार रात को अचानक उनकी तबीयत बेहद बिगड़ गई थी। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके बेटे जयंत ने ट्विट करके यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने के कारण उनकी हालत नाजुक थी। वे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे थे। चौ. अजित सिंह बागपत से 7 बार सांसद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रहे। उनके निधन की सूचना मिलते ही बागपत समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। चौधरी अजित सिंह की गिनती जाट बिरादरी के बड़े किसान नेताओं में होती थी।
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यह है सियासी सफर
चौ. अजित सिंह का सियासी सफर सन् 1986 में शुरू हुआ। उस वक्त उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह बीमार थे। तब अजित सिंह को राज्यसभा भेजा गया था। इसके बाद 1987 से 1988 तक वे लोकदल (ए) और जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। 1989 में अपनी पार्टी का विलय जनता दल में करने के बाद वे उसके महासचिव बनाए गए। 1989 में अजित सिंह पहली दफा बागपत से लोकसभा पहुंचे। तब वी.पी. सिंह सरकार में वे केंद्रीय मंत्री बनाए गए। तत्पश्चात वे 1991 में फिर बागपत से ही लोकसभा पहुंचे। इस बार नरसिम्हाराव की सरकार में मंत्री बने। 1996 में तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा पहुंचे, लेकिन फिर उन्होंने कांग्रेस और सीट से इस्तीफा दे दिया।
1997 में अजीत सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल की स्थापना की और उपचुनाव में बागपत से लोकसभा सांसद चुने गए। हालांकि 1998 में वे चुनाव हार गए थे। लेकिन अगले साल 1999 में फिर जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2001 से 2003 तक वे अटल बिहारी सरकार में मंत्री रहे। 2011 में वे संप्रग का हिस्सा बने। 2011 से 2014 तक वह मनमोहन सरकार में मंत्री रहे। 2014 में वे मुजफ्फरनगर सीट से लड़े, लेकिन हार गए। 2019 में मुजफ्फरनगर से बीजेपी प्रत्याशी संजीव बलियान ने उन्हें हरा दिया। हालांकि, किसान आंदोलन ने उनकी पार्टी में नई जान फूंकी है और जिला पंचायत चुनाव में उनकी पार्टी आरएलडी ने शानदार प्रदर्शन किया है।
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