नयी दिल्ली l भारत में कोविड महामारी के भीषणतम रूप लेने के मद्देनज़र अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, रूस, सऊदी अरब आदि अनेक देशों से बड़ी मात्रा में मदद आनी शुरू हो गयी है तथा सरकार ने उसे देश के विभिन्न भागों में पहुंचाने के लिए एक उच्च स्तरीय अंतरमंत्रालयीन समूह का गठन किया है।
95 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर भारत में पहुंचे
सूत्रों के अनुसार विदेशों से भारत को मदद के लिए तमाम देशों ने घोषणाएं कीं हैं और कई देशों ने मदद सामग्री आनी शुरू भी हो गयी है। सूत्रों ने बताया कि ब्रिटेन ने भारत को 495 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, 120 नॉन इन्वेसिव वेंटीलेटर इस सप्ताह भेजने की घोषणा की है। इनमें सौ वेंटीलेटर और 95 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर मंगलवार को भारत में पहुंच चुके हैं।
फ्रांस ने दो चरणों में राहत सामग्री भेजने का ऐलान किया है। वह इस सप्ताह आठ बड़े ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करेगा और द्रवीकृत ऑक्सीजन, 28 श्वसन यंत्र एवं उससे संबंधित सामग्री तथा 200 इलेक्ट्रिक सिरिंज पुशर प्रदान करेगा। दूसरे चरण में अगले सप्ताह वह पांच द्रवीकृत ऑक्सीजन के कंटेनर प्रदान करेगा।
ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र जर्मनी से आयात करने का फैसला
आयरलैंड ने इस सप्ताह 700 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर देने और जर्मनी ने तीन माह में सचल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 120 वेंटीलेटर, आठ करोड़ से अधिक केएन95 मास्क प्रदान करने तथा भारतीय चिकित्सकों के लिए टेस्टिंग एवं कोरोना वायरस की आरएनए सीक्वेंसिंग पर एक वेबीनार करने का प्रस्ताव किया है। भारतीय सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा ने 23 सचल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र जर्मनी से आयात करने का फैसला किया है।
अफ्रीका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 45.46 लाख के पार
अफ्रीका में कोरोना वायरस (कोविड-19) से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या 45.46 लाख के पार पहुंच गयी है। अफ्रीका के महामारी नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के मुताबिक अफ्रीकी देशों में अब तक 45,46,235 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। पचपन सदस्यीय अफ्रीकी संघ की विशेष स्वास्थ्य सेवा एजेंसी ने बताया कि इस संक्रमण के कारण अब तक 1,20,420 लोगों की मौत हुयी है, जबकि 40,57,022 लोग इससे ठीक हुए हैं। उल्लेखनीय है कि अफ्रीकी संघ में शामिल देशों में दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को, ट्यूनीशिया, इथोपिया तथा मिस्र इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। दक्षिण अफ्रीका में अब तक 15, 76,320 लोग इस वायरस की चपेट में आए हैं तथा यह अफ्रीकी संघ में शामिल देशों में इस जानलेवा विषाणु से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश है।
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