रूपा काम्बोज इन्सां ने बिना कोचिंग पाई सफलता
सच कहूँ/लाजपतराय रादौर। ‘बेटियां नहीं हैं, बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम, यह साबित करके दिखाया हैं गांव बरसान निवासी किसान की बेटी रूपा काम्बोज इन्सां ने। जो लाखों अभ्यर्थियों के बीच 171 पदों में से एक पर काबिज होकर टैक्सेशन इंस्पेक्टर बनी। सच कहूँ से बात करते हुए रूपा काम्बोज इन्सां ने बताया कि उसने टैक्सेशन विभाग में टैक्सेशन इंस्पैक्टर के पद के लिए फार्म भरा था, जिसका पेपर एचएसएससी द्वारा लिया गया। पेपर की तैयारी उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली बल्कि घर पर रहकर तैयारी की और पेपर पास किया। अब वे टैक्सेशन इंस्पैक्टर के पद पर कार्यरत हो गई हैं। उनकी इस सफलता के बाद घर पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है।
पूज्य एमएसजी ने सिखाया मेहनत करना
रूपा काम्बोज इन्सां ने कहा कि ये सब पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा व उनकी रहमत से हो पाया है। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरु डॉ. एमएसजी ने सिखाया कि कठिन परिश्रम करो और राम-नाम जपो तो सफलता जरूर मिलेगी और मैंने ऐसे ही किया। घर पर रहकर खूब मेहनत की। उसी मेहनत का ये परिणाम है कि मैं टैक्सेशन इंस्पैक्टर के पद तक पहुंची, जो मेरे लिए पाना मुश्किल था। इसलिए पूज्य गुरू डॉ. एमएसजी का मैं तहेदिल से धन्यवाद करती हूँ।
माता-पिता ने भी दिया पूरा साथ
उन्होंने कहा कि लड़किया, लड़कों से कम नहीं हैं। लड़की भी हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती है। उसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस सफलता में उनके माता-पिता व भाई बहनों का पूरा सहयोग मिला, जिससे सफलता की राह आसान हो गई। उन्होंने बताया कि हरियाणा में एचएसएससी द्वारा ली गई परीक्षा में लाखों अभ्यर्थियों ने भाग लिया। टैक्सेशन इंस्पेक्टर के कुल 171 पद थे। लाखों अभ्यर्थियों में से सिर्फ दो लड़कियों इस परीक्षा में सफल हुई, जिनमें से एक मैं हूँ।
शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल, सरसा की रहीं छात्रा
उन्होंने बताया कि जठलाना स्थित महाऋषि विद्या मंदिर में उसकी दसवीं तक की पढ़ाई हुई। उसके बाद उन्होंने डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल, सरसा से नॉन मैडिकल में 10+2 की और उसके बाद गुरू जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार से बायो मेडिकल इंजिनियरिंग में बीटैक की। तत्पश्चात घर बैठकर खूब तैयारी की।
बेटियों को भी बेटों के समान दें सुविधाएं : प्रेमपाल इन्सां
रूपा काम्बोज इन्सां के माता-पिता सत्यादेवी इन्सां व पे्रमपाल इन्सां ने कहा कि बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं। अगर लड़कियों को माता-पिता का पूर्ण समर्थन मिले और बराबर का दर्जा देकर उनकी पूरी परवरिश की जाए तो बेटियां भी माँ-बाप का नाम रोशन कर सकती हैं। जैसा हमारी बेटी रूपा इन्सां ने ये सफलता हासिल करके किया है। हमें अपनी बेटी पर गर्व है।
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