नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा है कि अब तक देश के 2,500 गांवों के तीन लाख परिवारों को स्वामित्व योजना के तहत उनकी संपत्ति के अधिकार अभिलेख प्रदान किए जा चुके हैं। तोमर ने आज ‘स्वामित्व योजना’ के क्रियान्यवन को लेकर राज्यों के पंचायती राज एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इसके साथ ही 40,514 गांवों में ड्रोन से सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस साल के बजट में सरकार ने स्वामित्व योजना को पूरे देश में लागू करने की घोषणा की है और इसके लिए वित्तीय प्रावधान भी किया गया हैं।
देश के सभी गांवों में लागू किया जा रहा है
उन्होंने कहा कि देश में लंबे समय से यह आवश्यकता महसूस की जा रही थी कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को उनके मकान का मालिकाना हक प्रदान करने वाला अभिलेख प्राप्त हो सके। सामान्यत: लोगों को विश्वास नहीं हो पाता था कि यह योजना जमीन पर उतर भी सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ने गत वर्ष 24 अप्रैल को छह राज्यों में पायलट चरण के रूप में स्वामित्व योजना प्रारंभ की है और अब इसे देश के सभी गांवों में लागू किया जा रहा है।
इस योजना से जुड़ने की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण होगी
तोमर ने कहा कि पायलट चरण के अधिकांश राज्यों ने स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन में प्रशंसनीय कार्य किया है, अन्य राज्यों को भी इसका अनुकरण करना है। तोमर ने कहा कि पंचायती राज मंत्रालय अन्य सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय कर इस योजना को मूर्त रूप दे रहा है। सरकार के सभी संबंधित मंत्रालय एवं संस्थान पूर्ण तत्परता से कार्य कर रहे हैं एवं इसके सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं। बचे हुए राज्यों से भी इस योजना से जुड़ने की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की संपत्ति का भी बाजार मूल्य तय हो पाएगा, इसका प्रावधान किया गया हैं। राज्य सरकारों को, स्वामित्व योजना को और अधिक लोकप्रिय एवं आकर्षक बनाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए। राज्यों में यदि स्वामित्व योजना के अंतर्गत अधिकार अभिलेख वितरण का माह में कोई एक दिन निश्चित कर लिया जाए तो इससे लोगों को उस दिन की प्रतीक्षा भी रहेगी और आसानी भी होगी।
ग्रामीणों के जीवन में एक क्रांतिकारी परिवर्तन
कृषि मंत्री ने कहा- अपने मकान का मालिकाना हक मिलना ग्रामीणों के जीवन में एक क्रांतिकारी परिवर्तन है, भविष्य में इसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर होंगे, इसलिए इस अवसर को एक उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए। सम्मेलन में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार, भू-संसाधन विभाग के सचिव अजय तिर्की के साथ ही सर्वे ऑफ़ इंडिया, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, नीति आयोग एवं राज्य सरकारों के पंचायती राज एवं राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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