पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन शिक्षाओं से समाज में आई जागरूकता (Body Donation)
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वेंकटेश्वरा इंस्टीट्यूट के प्रशिक्षणार्थी डॉक्टर करेंगे शोध
कालांवाली (विनोद अरोड़ा)। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी न सिर्फ जीते जी बल्कि इस दुनिया से रूखस्त होने के बाद भी समाज के काम आते हैं। इसी क्रम में कालांवाली निवासी सचखंडवासी हंसराज इन्सां की पार्थिव देह मेडिकल रिसर्च हेतु उत्तर प्रदेश के वेंकटेश्वरा इंस्टीट्यूट को दान की गई। जानकारी के अनुसार हंसराज इन्सां वीरवार को अपना स्वांसों रूपी पूंजी पूर्ण कर कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजे। उनकी बेटी सरोज इन्सां ने बताया कि उनके पिता हंसराज इन्सां ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए अपने जीते जी ही मरणोपरांत शरीरदान का प्रण लिया हुआ था।
उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए परिवार ने पार्थिव देह दान करने का निर्णय लिया। इसके पश्चात हंसराज इन्सां की पार्थिव देह को फूलों से सजी एंबुलेंस में रखा गया और साध-संगत ने ‘शरीरदानी हंसराज इन्सां अमर रहे’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, हंसराज इन्सां तेरा नाम रहेगा’ के नारों से आसमां गुंजायमान कर दिया। इस दौरान परिजनों, रिश्तेदारों, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों सहित साध-संगत ने हंसराज इन्सां को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। तत्पश्चात हंसराज इन्सां की पार्थिव देह को फूलों से सजी एंबुलेंस में उत्तर प्रदेश के वेंकटेश्वरा इंस्टीट्यूट के लिए रवाना करते हुए नम आँखों से अंतिम विदाई दी। औमप्रकाश इन्सां ने बताया कि हंसराज इन्सां का पूरा परिवार लंबे समय से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है और मानवता भलाई कार्यों में हमेशा आगे रहता है।
बेटियों ने अर्थी को कंधा
डेरा सच्चा सौदा की बेटा-बेटी समान मुहिम के तहत सचखंडवासी हंसराज इन्सां की अर्थी को उनकी बेटी सरोज रानी, कमलेश रानी, सुमन रानी व पोते राजेद्र कुमार ने कंधा देते हुए नाम आँखों से अंतिम विदाई दी।
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