30 अप्रैल तक बंद रहेंगे आंगनवाडी केंद्र, क्रैच व आठवीं तक स्कूल
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स्कूलों में शिक्षकों को प्रशासनिक समेत अन्य कार्य निपटाने को आना जरूरी
गुरुग्राम। भले ही प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते आंगनवाड़ी केन्द्र, क्रैच व पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया हो, लेकिन इस दौरान प्रशासनिक कार्य निपटाने के लिए शिक्षकों का स्कूल में आना जरूरी किया गया है। इसके साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्रों से बच्चों को उनके घरों पर पूरक पोषक आहार पहुंचाया जाएगा। इन गतिविधियों को रोका नहीं जाएगा। राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से शनिवार को जारी आदेशों में कहा गया है कि कोरोना की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने कुछ गतिविधियों को रेगुलेट करने का निर्णय लिया है। स्कूलों की छुट्टियों के बावजूद भी अध्यापक निर्धारित समय अनुसार ड्यूटी पर आएंगे। वे रिजल्ट बनाने, दाखिले करने आदि सहित प्रशासनिक कार्य निपटाएंगे।
इस दौरान कोविड अनुकूल व्यवहार जैसे मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग, हाथों की सफाई और सेनिटाइजेसन का कड़ाई से पालन जरूरी है। महिला एवं बाल विकास विभाग का अमला लॉकडाउन के दिनों की तरह पूरक पोषक आहार सहित सेवाएं लाभार्थियों के घर द्वार पर पहुंचाएगा। केवल टीकाकरण के लिये ही लाभार्थियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आंगनवाड़ी केन्द्रों में बुलाया जाएगा। एक समय पर 20 से ज्यादा लाभार्थियों को केन्द्र पर एकत्रित नहीं होने दिया जाएगा। आंगनवाड़ी केन्द्रों को सेनिटाइज भी किया जाएगा। इन सभी सेवाओं की उपायुक्त ज्वाइंट इंस्पेक्शन टीमों का गठन कर चैकिंग करवाएंगे और सरकार के आदेशों की अवहेलना होते पाए जाने पर दोषियों पर सख्त कानूनी कार्यवाही करेंगे। दोषियों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों और आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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