कोलकाता (एजेंसी)। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी को केन्द्रीय बलों के बारे में की गयी टिप्पणी को लेकर नोटिस जारी किया है और उनसे 10 अप्रैल तक इसका जवाब मांगा है। चुनाव आयोग की ओर से सुश्री बनर्जी को भेजी गयी यह दूसरी नोटिस है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को यह नोटिस जारी करते हुए कहा कि केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के खिलाफ की गयी टिप्पणी ‘झूठी और उकसाने’ वाली है। आयोग ने सुश्री बनर्जी से कहा है कि शनिवार पूर्वाह्न 11 बजे से पहले वह इस मामले में अपना पक्ष रखें।
नोटिस में कहा गया है कि यदि वह अपना पक्ष रखने में विफल रहती हैं तो उनके विरुद्ध आदर्श आचार संहिता और भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 189, 505 के तहत कार्रवाई की जाएगी। तृणमूल सुप्रीमो ने कूच बिहार की एक चुनावी रैली में कहा था, ‘केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल पर नजर रखें। उनका घेराव कीजिए क्यों कि वे लोगों को वोट डालने नहीं देते। एक दल उन्हें बातों में उलझा कर रखे और दूसरा दल वोट डालने जाए। इस तरह प्रत्एक व्यक्ति अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकता है।
क्या है पूरा मामला:-
सुश्री बनर्जी ने वीरवार को एक रैली में दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में चुनावी ड्यूटी पर लगाए गए केन्द्रीय बल केन्द्र सरकार के निर्देश पर काम कर रहे हैं। उन्होंने केन्द्रीय बलों पर ग्रामीणों पर अत्याचार करने और महिलाओं को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था। तृणमूल सुप्रीमो ने अलीपुरद्वार जिले में एक चुनावी रैली में चुनाव आयोग पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की ओर से की जा रही ‘ज्यादतियों’ को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया था।
चुनाव आयोग के पहले नोटिस पर ममता ने क्या कहा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वह सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी और चुनाव आयोग चाहे तो उन्हें दस कारण बताओ नोटिस भेज दे, , लेकिन इनसे वह अपना रुख नहीं बदलेंगी। बनर्जी ने कहा, ‘आप (चुनाव आयोग) चाहें तो मुझे दस कारण बताओ नोटिस भेज सकते हैं, लेकिन मेरा जवाब एक ही होगा। मैं हमेशा हिंदू, मुस्लिम वोटों के विभाजन के खिलाफ बोलती रहूंगी। मैं धार्मिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के खिलाफ खड़ी रहूंगी।’
ममता ने क्या बयान दिया था
ममता बनर्जी ने कहा था, ‘वह कई सांप्रदायिक टिप्पणी करता है और हिंदू-मुस्लिम के बीच झगड़ा करवाता है। वह भाजपा का प्रचारक है, साथी है। माकपा और भाजपा के साथी भाजपा से पैसे लेकर अल्पसंख्यकों के मत बांटने के लिए घूम रहे हैं। उन्हें ऐसा न करने दें। ध्यान रखें कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो वह बहुत बड़े खतरे में होंगे।’ नोटिस में बताया गया कि बनर्जी ने कहा, ‘मैं अपने हिंदू भाई-बहनों से भी कहूंगी कि भाजपा को सुनने के बाद खुद को हिंदू और मुस्लिम में न बांटे।’
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