कमांडो, 150 जवान और पीएसी की कंपनी भी साथ
रोपड़। मंगलवार को यूपी के बाहुबली नेता और माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस पंजाब की रोपड़ जेल से दोपहर 2 बजे रवाना हो गई। सुबह मुख्तार अंसारी का मेडिकल चैकअप करवाया गया और अन्य कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद मुख्तार को यूपी पुलिस को सौंप दिया गया। बता दें कि गत दिवस पीएसी की प्लाटून, 150 जवानों और वज्र वाहन के साथ यूपी पुलिस मुख्तार अंसारी को लेने रोपड़ पहुंची थी। रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के उच्च पुलिस अधिकारी के अनुसार मुख्तार के काफिले में ट्रेंड कमांडो का एक दस्ता यूपी पुलिस की मदद के लिए बांदा जेल तक साथ भेजा गया। मुख्तार जिन रास्तों से गुजरकर बांदा तक भेजा गया, वहां की सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस और पंजाब ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है।
पूरे रास्ते की होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
पंजाब पुलिस के मुताबिक पूरे रास्ते की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। उधर यूपी पुलिस के मुताबिक मुख्तार को वापस ले जाने के लिए दो रास्ते तय किए थे। जिस गाड़ी से मुख्तार अंसारी को बांदा तक ले जाने की व्यवस्था की गई, उस गाड़ी में जीपीआरएस ट्रैकिंग डिवाइस भी लगा है।
किले में तब्दील हुई बांदा जेल
इस बीच उत्तर प्रदेश के बांदा जेल को किले में तब्दील कर दिया गया है। इसके अलावा जेल में सुरक्षा आॅडिट भी किया गया। इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट डीजी कारागार आनंद कुमार को भेज दिया गया है। आॅडिट के दौरान तन्हाई बैरक की विशेष जांच की गई। क्योंकि मुख्तार अंसारी को यहीं रखा जाना है। जेल के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
बीते 26 मार्च को ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की जेल में शिफ्ट किया जाए। साथ ही उसके ट्रायल को भी जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।
अपराधिक इतिहास
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार उत्तर प्रदेश भर में मुख्तार अंसारी पर 52 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। वहीं अब तक मुख्तार अंसारी और उसके गैंग की 192 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त भी किया जा चुका है। इस गैंग के अभी तक 96 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि 75 गुर्गों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। वहीं मुख्तार गैंग के 72 सहयोगियों के शस्त्र लाइसेंस का निरस्तीकरण भी किया गया है।
22 जनवरी 1997
वाराणसी के भेलूपुर इलाके में पूर्वांचल के सबसे बड़े कोयला व्यापारी और विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रुंगटा हत्याकांड हुआ। इस सनसनीखेज हत्याकांड में आरोप लगा कि करोड़ों की फिरौती लेने के लिए मुख्तार ने अपहरण करवाया और फिर हत्या करवाई। मामले की जांच सीबीआई से तक हुई। सीबीआई ने मुख्तार गैंग के शार्प शूटर अताउर रहमान बाबू और शहाबुद्दीन पर 2-2 लाख का इनाम तक घोषित किया, लेकिन मुख्तार अंसारी बरी हो गया।
फरवरी 1999
राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाना क्षेत्र में राजभवन के सामने लखनऊ के जेल अधीक्षक आर.के. तिवारी की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वो लखनऊ के डीएम के साथ मीटिंग कर लौट रहे थे। राजभवन के सामने हुए इस हत्याकांड में भी मुख्तार के करीबियों का ही नाम आया, लेकिन मुख्तार अंसारी इस हत्याकांड में भी बरी हो गया।
29 नवंबर 2005
भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई। इसमें विधायक समेत 7 लोग मारे गए। हत्याकांड में मुन्ना बजरंगी, राकेश पांडे, संजीव जीवा माहेश्वरी समेत तमाम लोगों के नाम आए। मामले की जांच सीबीआई से तक हुई, लेकिन 7 शवों से 67 गोलियां और मौके से 400 से ज्यादा खोखे बरामद होने के बावजूद कोई दोषी नहीं मिला और मुख्तार अंसारी बरी हो गया।
इन मामलों में भी बरी हुआ
इतना ही नहीं साल 2003 में लखनऊ के जेलर एसके अवस्थी ने जेल में मारपीट गाली-गलौज और पिस्तौल तानने के मामले में आलमबाग थाने में एफआईआर करवाई लेकिन मुख्तार अंसारी बरी हो गया। 1999 में डीआईजी जेल एसपी सिंह पुंडीर ने लखनऊ के कृष्णानगर कोतवाली में मुख्तार अंसारी पर धमकी देने का केस लिखाया, लेकिन उसमें भी बरी हो गया।
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