दिल्ली-फाजिल्का,हिसार-चंडीगढ़,हिसार-राजगढ़ व भादरा रोड भी डटे किसान
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वैकल्पिक मार्गों को भी रोका, भटकने को मजबूर हुए राहगीर
सच कहूँ/संदीप सिंहमार। हिसार। किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा में अब किसान व सरकार टकराव की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। सिरसा व हिसार में उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला का विरोध व रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विरोध के बाद शनिवार को स्थिति और गंभीर हो गई। रोहतक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आगमन के दौरान किसानों व पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद रात होते-होते हरियाणा में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों को किसानों ने रोक दिया।
हिसार-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सबसे पहले दनोदा गांव में किसानों ने जाम लगाया। इसके बाद किसानों ने उकलाना में सुरेवाला चौक पर राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच में ट्रैक्टर ट्राली खड़ी कर उकलाना, टोहाना बरवाला व चंडीगढ़ मार्ग को पूर्ण रूप से बंद कर दिया। हिसार से राजस्थान जाने वाले बालसमंद राजमार्ग को भी किसानों ने गांव धीरणवास में बंद कर दिया। हिसार-राजगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांव चौधरीवास तथा हिसार-फाजिल्का नेशनल हाईवे नम्बर 9 को किसानों ने लांधड़ी टोल प्लाजा से बंद कर दिया। किसानों ने जैसे ही इन राष्ट्रीय राजमार्गों को बंद किया तो देखते ही देखते किसानों ने वैकल्पिक मार्गों पर भी जाम लगाने शुरू कर दिए। हांसी-बरवाला मार्ग पर गांव भाटला में भी रास्ता रोक दिया गया।
पुलिस व प्रशासन सड़कों से रहे दूर
किसानों के इससे अघोषित बंद के दौरान कहीं पर भी पुलिस व प्रशासन नजर नहीं आया। लोग अपने स्तर पर ही अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए रास्ते तलाशते रहे। शनिवार को रोहतक में किसानों द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान हुई पुलिसिया कार्रवाई से खफा किसानों ने सभी रास्तों पर जाम जरूर लगा दिया लेकिन भविष्य में इसका अंजाम क्या होगा इस बात से अभी किसान,प्रशासन व सरकार सभी अंजान बने हुए हैं। कुछ भी हो सरकार व किसानों के बीच चल रहे इस टकराव के बीच किसी के लिए भी शुभ संकेत नहीं कहे जा सकते।
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