सरसा (सच कहूँ न्यूज)। सत् ब्रह्मचारी सेवादार मुख्त्यार सिंह इन्सां (85) वीरवार सायं अपनी स्वांसों रूपी पूंजी पूर्ण कर कुल मालिक के चरणों में ओड़ निभा गए। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार डेरा सच्चा सौदा के नजदीकी शमशान घाट में किया गया। डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट कमेटी सदस्यों, विभिन्न राज्यों के 45 मैंबरों, पारिवारिक सदस्यों और रिश्तेदारों सहित साध-संगत ने सचखंडवासी मुख्त्यार सिंह इन्सां को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यतार सिंह इन्सां का जन्म सन् 1937 में पिता स. बंता सिंह और माता जगीर कौर के घर गाँव रायपुर माखा, जिला मानसा (पंजाब) में हुआ। बचपन से ही उनमें प्रभु भक्ति के प्रति गहरी लगन थी। अपनी युवावस्था में भी वे जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते थे। उनका विवाह गुरदेव कौर से हुआ। उनके घर तीन बेटे गुरमेल सिंह इन्सां, जगदेव सिंह इन्सां, बाबू सिंह इन्सां और दो बेटियां जसबीर कौर इन्सां, बलदेव कौर इन्सां का जन्म हुआ। सन् 1981 में मुख्त्यार सिंह ने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम की अनमोल दात प्राप्त की। इसके पश्चात उन्होंने अपने पूरे परिवार को डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ा और मानवता भलाई कार्यों में निरंतर लगे रहे। सतगुरु की दया मेहर रहमत से सन् 1988 में मुख्त्यार सिंह सत् ब्रहमचारी बने। इसके साथ ही उन्होंने अपना पूरा जीवन इन्सानियत के भले के लिए समर्पित कर दिया।
सत् ब्रह्मचारी सेवादार मुख्त्यार सिंह इन्सां ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर दृढ़ आस्था और विश्वास के साथ सतगुरु से असीम खुशियों को प्राप्त किया। दरबार की ओर से उन्हें जो भी सेवा मिली, उन्होंने पूरी तन्मयता और ईमानदारी से उसे निभाया। सत् ब्रह्मचारी सेवादार मुख्त्यार सिंह इन्सां ने पूज्य गुरु जी के वचनानुसार सद्भाव, नि:स्वार्थ प्रेम की भावना को सर्वोपरि रखते हुए लक्कड़ावाली, गदराना, सलाबतपुरा, मेहंदागढ़ी, फेफाना, शाह सतनाम जी धाम, सरसा में अपनी बेहतरीन सेवाएं दी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।