गर्मी के साथ ही चुभने वाली हीट, घमौरियां, रैशेज तथा अन्य कई प्रकार की समस्याएं जुड़ी होती हैं। इस मौसम में माँएं अक्सर अपने छोटे बच्चों को लेकर इस बात के लिए चिंतित रहती हैं कि उनकी देखभाल कैसे की जाए। यूं भी बच्चों के लिए गर्मी को सहन करना थोड़ा असुविधाजनक होता है। बच्चे इस मौसम में आराम महसूस कर सकें यह प्रयास तो किया ही जा सकता है।
सही कपड़े पहनाएं
गर्मियों के लिए सूती कपड़े सबसे अच्छे होते हैं, जबकि अन्य फैब्रिक से बने कपड़ों के कारण बच्चों को घमौरियां और हीट रैशेज आने की संभावना होती है। जब आप उसे बाहर ले जा रही हों तो पूरी बांह वाले कपड़े ही पहनाएं। उसे गर्मियों में पहनाई जाने वाली समर हैट पहनाएं, जिसकी रिम चौड़ी हो।
नियमित अंतराल पर डाइपर बदलें
यूं तो हर 3 घंटे बाद बच्चे का डाइपर बदल देना चाहिए। गर्मियों के दौरान अधिक ध्यान रखें क्योंकि नमी और पसीने के कारण बैक्टीरिया उत्पन्न हो सकते हैं, जिस कारण डाइपर रैशेज हो सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि डाइपर बदलते समय या मल साफ करते समय पहले उस भाग को धोएं और सुखा कर ही डाइपर पहनाएं।
बच्चे को हाइड्रेटेड रखें
गर्मियों के दौरान बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या होना बेहद आम है। यदि आप स्तनपान करवा रही हैं और उसकी मांग के अनुसार उसे दूध पिला रही हैं तो आप अपने बच्चे को उचित तरीके से हाइड्रेट कर रही हैं। यदि आपने बच्चे का दूध छुड़ाया हुआ है तो ध्यान रखें कि गर्मियों के दौरान उसकी भूख बहुत कम हो जाती है। उसे अन्य तरल पदार्थ जैसे फलों का रस, छाछ या मिल्क शेक आदि पिलाएं। खिचड़ी की अपेक्षा ठंडे पेय बच्चों को अधिक आराम पहुंचाते हैं।
तेल से मालिश न करें
गर्मियों के दौरान त्वचा पर तेल लगाने से फायदे की जगह नुक्सान ही होता है। यदि इसे अच्छी तरह नहीं धोया गया तो त्वचा में जोड़ों के स्थान पर यह रह जाता है जिस कारण हीट रैशेज, खुजली एवं फोड़े आदि की समस्याएं हो सकती हैं। विशेषकर नैप्पी वाले भाग में, गर्दन के पीछे, पीठ और कंधों पर तेल रह जाता है। ध्यान रहे कि इन भागों को अच्छी तरह धोएं। इसके अलावा बच्चे के पूरे शरीर पर पाऊडर न लगाएं, क्योंकि पसीना आने पर पाऊडर उस स्थान पर जम जाता है, जिस कारण त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
नियमित तौर पर नहलाएं
गर्मियों में बच्चे को रोज अच्छे से नहलाएं। शाम के समय उसे ठंडा स्पंज बाथ दें और बाद में क्रीम से मसाज करें ताकि वह अच्छे से सो सके।
सुबह के समय बाहर न ले जाएं
बच्चे को धूप से बचाने के लिए सुबह 10 से शाम 5 बजे तक बच्चे को बाहर न ले जाएं। सूर्यास्त के बाद उसे थोड़े समय के लिए बाहर ले जाएं। यदि आपके बच्चे की उम्र 2 वर्ष से अधिक है तो गर्मियों में उसे वॉटर स्पोर्ट्स के लिए प्रोत्साहित करें।
कमरे का तापमान स्थिर रखें
यदि आप ए.सी. इस्तेमाल कर रही हैं तो कमरे का तापमान 24 डिग्री पर स्थिर रखें। तापमान में परिवर्तन होने से बच्चे को सर्दी, खांसी की समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि नहाने के बाद बच्चा सीधे ए.सी. के सामने न बैठे।
गर्मियों के दौरान त्वचा पर तेल लगाने से फायदे की जगह नुक्सान ही होता है। यदि इसे अच्छी तरह नहीं धोया गया तो त्वचा में जोड़ों के स्थान पर यह रह जाता है जिस कारण हीट रैशेज, खुजली एवं फोड़े आदि की समस्याएं हो सकती हैं।
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