हजारों किसानों ने बदोवाल टोल पर मनाया शहीदी दिवस
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पुरूष पीली पंगडी व महिलाएं पीली चुनरी ओढ़ कर धरने पर पहुंची
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तीन शहीद परिवारों को दी आर्थिक सहायता
सच कहूँ/बिंटू सिंह नरवाना। कृषि कानूनों के विरोध में बदोवाल टोल पर जारी किसान धरने में मंगलवार को हजारों किसानों ने शहीदी दिवस मनाया। शहीदी दिवस के अवसर पर पुरूष किसान पीली पगड़ी और महिलाएं पीली चुनरी ओढ़ कर धरना स्थल पर पहुंची। मंगलवार को धरने में युवा वर्ग भी पीली पगड़ी पहनकर भारी सख्यां में पहुचा और शहीदों को श्रृदांजली दी। इस अवसर पर इनेलो नेत्री सुनैना चौटाला ने भी शिरकत की और किसानों को संबोधित किया। वही बदोवाल टोल संघर्ष समिति द्वारा नरवाना क्षेत्र के शहीद किसानों की आर्थिक सहायता भी की गई।
किसान नेता मॉ.बलवीर सिंह, सुनील बदोवाल व होशियार सिंह ने कहा कि शहीदी दिवस पर नरवाना हलके के शहीद किसान सिंगवाल वासी कर्मवीर, उझाना गांव वासी किताब सिंह व ढिढोली वासी राधा को आर्थिक सहायता दी गई है। प्रत्येक परिवार को एक लाख बीस हजार रूपए की सहायता दी गई है। बलवीर सिंह ने कहा कि शहीद भगतसिंह, राजगुरू और सुखदेव एक इंसान नहीं थे बल्कि एक विचारधारा थी। जिसकी बदौलत आज का युवा भी उनसे प्रेरणा ले रहा है। उन्होने कहा कि आंदोलन अब पूरे देश का आंदोलन बन चूका है। मंगलवार को भी पांच महिला किसानों ने क्रमिक अनशन किया।
कृषि कानून वापिस लेने व एमएसपी पर गारंटी बिल बनाने की मांग
शहीदी दिवस के अवसर पर युवाओं में जोश देखने को मिला। युवा वर्ग पीले रंग का सरोपा और पगड़ी पहनकर धरना स्थल पर पहुचें। वही पांच युवा सुनील बदोवाल, कपूर सिंह, सुखबीर दबलैन, संदीप व बलजीत इस्माईलपुर ने अपने खून से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम खत लिखकर कृषि बिलों का विरोध जताया। खत के माध्यम से युवाओं ने कृषि कानून वापिस लेने और एमएसपी पर गारंटी बिल बनाने की मांग की है। सबसे पहले युवाओं ने इजैक्शन द्वारा अपना खून निकाला और उसके बाद कोरे कागज पर अपने खून से प्रधानमंत्री के नाम खत लिखा। वही कई युवा लड़कियां भी अपने हाथों में भगतसिंह, राजगुरू और सुखदेव की प्रतिमा लेकर पहुंची।
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