विश्व जल दिवस पर विशेष
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कुंए, जोहड़ व जलघर के टैंक सूखे, तीन हैंडपैंप के सहारे दस हजार की आबादी का गांव
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पानी के बिना इंसानों के साथ-साथ पशुओं का भी बिगड़ रहा स्वास्थ्य, सिंचाई के लिए भी नहीं पानी उपलब्ध
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एक सप्ताह का दिया अल्टीमेटम, आंदोलन की दी चेतावनी
सच कहूँ/संदीप सिंहमार। हिसार। बेशक आज पूरी दुनिया संयुक्त राष्ट्र के आह्वान पर विश्व जल दिवस मनाकर पानी की महत्ता के प्रति नागरिकों को जागरुक करने का काम करेगी लेकिन हिसार जिले में कुलाना एक ऐसा गांव है जहाँ के लोगों का प्रत्येक दिन पानी के इंतजार में बीत रहा है। यहां पेयजल व सिंचाई के पानी की समस्या कोई एक-दो महीने पहले की नहीं है बल्कि पिछले 21 वर्षों से गांव के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र का सबसे बड़ा जलघर कुलाना गांव में ही बना हुआ है। दो दशक पहले तक आसपास के 9 गांवों की प्यास बुझाने वाला कुलाना गांव आज बूंद-बूंद पानी के लिए भी जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों व सरकार के नुमाइंदों की ओर देख रहा है।
पानी के अभाव में गांव कुलाना के निवासियों की हालत आज इस कदर बदतर हो गई है कि यहां इंसानों के साथ-साथ पशु-परिंदे प्यासे नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं है। जिस वजह से गांव के किसानों की उम्मीद भी हर बार दम तोड़ जाती है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि ग्रामीणों को पिछले 21 वर्षों से न तो सिंचाई का पानी उपलब्ध हो रहा और यहां जमीन का पानी भी पीने व सिंचाई करने योग्य नहीं है। 10 हजार की आबादी वाले कुलाना गांव को अपनी प्यास बुझाने के लिए गांव के जलघर में लगे 3 हैंडपंपों पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा महिलाओं को हो रही परेशानी
जैसे ही गर्मी नजदीक आती है यह तीनों हैंडपंप भी पानी छोड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर ग्रामीणों को खुद अपनी जेब ढीली कर टैंकरों के माध्यम से पानी मंगवाना पड़ता है। इसके अलावा मजबूरी के कारण साथ लगते खरड़-अलीपुर गांव में स्थित एक आरओ प्लांट से भी पानी खरीदना पड़ता है, लेकिन सभी व्यक्ति खरीद कर पानी भी नहीं पी सकते। पानी की इसी समस्या के कारण विशेषकर ग्रामीण महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान होती है। गर्मी हो या सर्दी हर मौसम में सिर पर टोकनी व मटके रखकर 2 किलोमीटर दूर तक पानी लेने के लिए जाना पड़ता है। इसके बावजूद भी कई बार खाली हाथ लौटने के लिए ही मजबूर होना पड़ता है।
गर्मियों में बिगड़ जाएंगे हालात
गांव कुलाना कि यदि वर्तमान स्थिति का जिक्र किया जाए तो जल घर के दोनों बड़े टैंक सूख चुके हैं। इसके अलावा पशुओं के लिए बने गांव के दोनों जोहड़ भी सूख गए हैं। गर्मी की शुरुआत से ही ऐसी हालत बन गई है तो गर्मी जब अपना रौद्र रुप दिखाएगी तब गांव की स्थिति क्या होगी? अंदाजा लगाया जा सकता है। फिलहाल ग्रामीणों को पानी मुहैया करवाने के लिए गांव के पूर्व सरपंच मेवा सिंह के नेतृत्व में ग्रामीण जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से भी कई बार मिल चुके हैं। लेकिन पानी की समस्या का फिर भी कोई समाधान नहीं किया गया है।
पूर्व सरपंच मेवा सिंह आए आगे, खुद पैसे खर्चकर जलघर में पहुँचा रहे पानी
वर्तमान में पूर्व सरपंच मेवा सिंह ने खुद पैसे खर्च करके जागरुक ग्रामीणों के सहयोग से भाटला माईनर से किसानों के खेतों के हिस्से का पानी जेसीबी के माध्यम से अपने खेतों को खोदकर गांव के जल घर में पानी भरने की कोशिश की जा रही है। पूर्व सरपंच मेवा सिंह व ग्रामीणों ने जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के अधिकारियों सहित जिले के उच्च अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह तक पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो ग्रामीण गांव के जल घर को ताला जड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे जिसकी जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी।
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