नई दिल्ली। एक वक्त राशन कार्ड के माध्यम से मिलने वाला राशन आमजन की जरूरत था। लेकिन वर्तमान दौर में हालात बदल गए हैं। अब अपने रसूख के बल पर अपात्र लोग भी इस सुविधा का बेजां इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी घपलेबाजी को रोकने के लिए सरकारों ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। कई राज्य सरकारों ने राशन कार्ड में धोखाधड़ी करने के मामले की पुलिसिया जांच भी तेज कर दी है। राशन कार्ड में अगर कोई शख्स झूठा नाम डलवाता है या राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति की मौत के बाद भी उसके कोटे का राशन लेने पर अब सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है।
रिकवरी विभाग की तरफ से इस तरह के धोखेबाजी की जांच शुरू हो गई है। खाद्य आपूर्ति विभाग आरोपी पर धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार भी करवा रही है। इसलिए अगर आप अब गलत डॉक्यूमेंट्स के साथ राशन कार्ड बनाते हैं या गलत नाम पर राशन लेते हैं तो अब आपको जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है।
राशन कार्ड बनवाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य
बता दें कि राशन कार्ड बनवाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य होता है, लेकिन लोग गरीबी रेखा से नीचे या अंत्योदय योजना का राशन कार्ड बनवाने के लिए गलत दस्तावेज जमा कर देते हैं। भारत सरकार के फूड सिक्योरिटी एक्ट में फर्जी राशन कार्ड बनवाना एक दंडनीय अपराध है। अगर आप फर्जी राशन कार्ड बनवाने के दोषी पाए जाते हैं तो आपको पांच साल की जेल और जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके साथ ही अगर कार्ड बनवाने के लिए आपने फूड विभाग के अधिकारी को रिश्वत देते हैं या खाद्य विभाग के अधिकारी रिश्वत लेकर राशन कार्ड बनाते हैं तो इस मामले में भी सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
फर्जी राशन कार्ड को लेकर सरकार सख्त
राशन कार्ड भारत सरकार की एक मान्यताप्राप्त सरकारी डॉक्यूमेंट भी है। राशन कार्ड की सहायता से लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित दर की दुकानों से खाद्यान्न (गेहूं, चावल और दाल) बाजार मूल्य से बेहद कम दाम पर खरीद सकते हैं। भारत में आम तौर पर तीन प्रकार से राशन कार्ड बनते हैं। गरीबी रेखा के ऊपर रहने वाले लोगों को एपीएल, गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए बीपीएल और सबसे गरीब परिवारों के लिए अन्त्योदय राशन कार्ड बनाए जाते हैं।
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