पटना (एजेंसी)। देश के किसान 100 से ज्यादा दिनों तीन कृषि कानूनों का रद्द करने और एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता नाकाम साबित हो चुकी है। इसके बावजूद किसान अपनी मांगों पर अडिग है। अब आंदोलन को और धार देने के लिए किसान नेताओं ने अन्य राज्यों का रूख करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में 25 मार्च को राष्ट्रीय किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत बिहार के रोहतास जिले में होने वाली किसान महापंचायत में शिरकत करेंगे। यह बात भारतीय किसान संगठन समिति की बैठक के बाद किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशंकर सरकार ने कहीं। इस महापंचायत के माध्यम से किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल और दर्शनपाल सिंह सहित किसान नेता देश के धरतीपुत्रों को अपनी मांगों के प्रति सजग करेंगे, ताकि सरकार उनकी बात माने।
उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संगठन समिति की बैठक में तीनों कृषि कानूनों के साथ डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की बेतहाशा बढ़ती कीमतों पर भी मंथन किया गया। बैठक में किसान महापंचायतों का आयोजन करने का ऐलान किया। रोहतास जिले की महापंचायत में राष्ट्रीय किसान मोर्चा, पटना के वी.वी. सिंह, किसान महासंघ रोहतास के आर.के. सिन्हा, किसान मजदूर संगठन जहानाबाद के कामेश्वर सिंह, कमलेश सिंह, सिद्धनाथ कुमार, भारतीय किसान मंच, मनेर के विजय कुमार सिंह, डॉ. विनय सिंह, मुन्ना यादव, राष्ट्रीय किसान समागम, मुजफ्फरपुर के नीरज सिंह आदि मौजूद थे। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार इस गलतफहमी में न रहे कि आंदोलन मंद पड़ गया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन मंद नहीं तेज हुआ है, जो पहले कुछ राज्यों में था अब पूरे देश और दुनिया में किसान आंदोलन की चर्चा हो रही है।
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