28 गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार, 28 बच्चों को स्कूल बैग दिए गए
-
आशियाना मुहिम के तहत 8 जरूरतमंदों को मिली मकानों की चाबियां
-
शिविर में 734 मरीजों की हुई जांच, 156 श्रद्धालुओं ने किया रक्तदान
-
पूज्य गुरु जी के पत्र को सुनकर भाव विभोर हुई साध-संगत
सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम जी महाराज का 61वां पावन गुरुगद्दीनशीनी दिवस रविवार को देश-दुनिया में महारहमोकर्म दिवस के रूप में मनाया गया। यह पावन अवसर मानवता भलाई कार्यों को समर्पित रहा। इस दौरान पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए जननी सत्कार मुहिम के तहत 28 गर्भवती महिलाओं को राशन, 28 जरूरतमंद बच्चों को स्कूल बैग, आशियाना मुहिम के तहत 8 जरूरतमंद लोगों को ब्लॉकों द्वारा बनाकर दिए गए मकानों की चाबियां और दिव्यांगजन को ट्राइसाइकिल दी गई। इस शुभ अवसर पर 7 नवयुगल डेरा सच्चा सौदा की मर्यादानुसार दिलजोड़ माला पहनाकर विवाह बंधन में बंधे। वहीं साध-संगत के लिए पूज्य गुरु जी द्वारा भेजा गया प्रेम भरा पत्र भी पढ़कर सुनाया गया, जिसे सुनकर सतगुरु पर दृढ़ विश्वास और आस्था के साथ साध-संगत भाव विभोर हो उठी।
पूज्य गुरु जी ने पत्र में लिखा कि साध-संगत जी आप नाम जपो और प्रभु की सारी सृष्टि से नि:स्वार्थ प्रेम करो। सभी धर्मों का सत्कार करो। तन-मन-धन से परमार्थ करते रहो। जब भी घर से बाहर जाएं तो मास्क जरूर लगाया करें। हम सतगुरु, राम से प्रार्थना करते हैं कि देश के अन्नदाता और देश के राजा में जो विवाद चल रहा है प्रभु आप दोनों को सही रास्ता दिखाएं ताकि देश जो अभी भी कोरोना महाबिमारी से लड रहा है वो तरक्की के रास्ते पर एकजुट होकर आगे बढ़े। देश व संसार में खुशहाली के दरवाजे खुल जाएं। नामचर्चा में पावन महारहमो कर्म दिवस को समर्पित एक डॉक्योमेंट्री चलाई गई। जिसमें परम पिता जी के गुरुगद्दी दिवस व जीवन के बारे में दिखाया गया।
इस पावन अवसर पर शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में जनकल्याण परमार्थी चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 734 लोगों की जांच की गई, जिसमें ऐलोपैथिक के 604 और आयुर्वेदिक के130 मरीज शामिल हैं। साथ ही 156 लोगों ने शाह सतनाम जी स्पेशेलिटी अस्पताल स्थित पूज्य बापू मग्घर सिंह जी इंटरनेशनल ब्लड बैंक में रक्तदान किया।
पावन महारहमोकर्म दिवस के अवसर पर शाह सतनाम जी धाम में नामचर्चा का आयोजन किया गया। नामचर्चा का शुभारंभ पूज्य गुरु जी को पवित्र नारे ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ द्वारा इस शुभ अवसर की बधाई के साथ हुआ। इसके पश्चात कविराज भाइयों ने भक्तिमय भजन, शब्दों के माध्यम से सतगुरु की असीम महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के रिकॉर्डिड अनमोल वचन बड़ी-बड़ी स्क्रीनों के माध्यम से चलाए गए। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज का दिन सार्इं दाता रहबर शाह मस्ताना जी महाराज ने परम पिता शाह सतनाम जी महाराज को अपना रूप बनाया। तभी शाह सतनाम जी महाराज ने ये वचन फरमाया कि ‘हम हैं, हम थे और हम ही रहेंगे।’ रूहानियत, सूफियत बहुत गहरी होती है। रूहानियत में ऊँचा दर्जा प्राप्त करना समझो दोनों जहान का गोल्ड मेडल प्राप्त करना है। रूहानियत इतनी गहरी है, जितने अंदर जाते जाओ, उतनी और गहराई का पता चलता है और उतनी ही आनंद-लज्जतें इन्सान को महसूस होती हैं।
अगर किसी और गहराई में जाओगे तो घुटन महसूस होगी, जिन्दगी का खतरा लगेगा, वापसी कैसे करेंगे कि मैं उतना गहरा उतर गया हूँ, वापिस ऊपर कैसे आऊंगा, बहुत से डर सताते हैं। पर रूहानियत, सूफियत, हमारे धर्मों की बाणी जितनी गहराई से उतरती जाती है और हम उसमें उतरते जाते हैं। डर की बात छोड़ों, हम उड़ने लगते हैं, आनंदमय स्थिति में पहुंच जाते हैं और ऐसी खुशियां मिलती हैं, जिसकी लिख बोलकर कल्पना नहीं की जा सकती। नामचर्चा की समाप्ति पर आई हुई साध-संगत को कुछ ही मिनटों में प्रशाद और लंगर भोजन खिला दिया गया।