राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत गांव बूबका में कृषि कार्यक्रम का आयोजन
सच कहूँ/लाजतपराय, यमुनानगर। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केंद्र दामला द्वारा राष्टÑीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत गांव बूबका में कृषि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान के वरिष्ठ संयोजक डॉ. एनके गोयल ने किसानों को संबोधित करते हुए सरसों की खेती में आधुनिक तकनीकी
अपनाए जाने पर बल दिया तथा उन्होंने यह भी बताया कि खाद्यान्न वाली फसलों के साथ-साथ दलहनी व तिलहन फसलें भी अवश्य लगानी चाहिए। उन्होंने गन्ने की फसल में संतुलित उर्वरकों की उपयोगिता के बारे में भी किसानों को संपूर्ण जानकारी दी।
जो किसान गन्ने फसल के अवशेषों में आग लगा देते हैं उन किसानों को भी सलाह दी कि अवशेषों में आग लगाने से पोषक तत्वों के साथ-साथ मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं पर्यावरण भी दूषित हो जाता है। इसके विकल्प में उन्होंने पूसा डी.कंपोजर कैप्सूल के बारे में विस्तार से बताया जो फसल के अवशेषों को गलाने में सहायक होते हैं। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशिक्षण सहायक करण सैनी, गांव घिलोर के प्रगतिशील किसान सुरेंद्र सिंह, गांव बूबका के नोरती राम, राजकुमार तथा गांव के लगभग 35 किसानों ने हिस्सा लिया।
फसल में बीमारी होने पर ही करें दवा का छिड़काव
कृषि विज्ञान केंद्र के अर्थशास्त्री डॉ. वीर सैन ने किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा लेने के बारे में
विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसान फसल में वही कृषि क्रियाएं अपनाएं जिससे किसान की लागत कम हो सके। उर्वरक खाद तथा कीटनाशक, फफूंदनाशक दवाइयों का समय पर व उचित मात्रा में इस्तेमाल करने से किसान की लागत में कमी आती है जिसके साथ-साथ किसान के मुनाफे में भी इजाफा होता है तथा उन्होंने यह भी बताया कि कुछ किसान व्यर्थ में ही बीमारी की आशंका होने पर दवाई का छिड़काव कर देते हैं। किसान को यह सलाह है कि दवाइयों का इस्तेमाल तभी करें जब कीट व बीमारियां फसल में दिखाई दे अन्यथा व्यर्थ में छिड़काव करने से बचें।
मौसम के पूर्वानुमान से मिल सकेगा फायदा: डॉ. अजीत
मौसम विज्ञान के विषय विशेषज्ञ डॉ. अजीत सिंह ने किसानों को मौसम के पूर्वानुमान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज के समय में किसानों को राज्य स्तर जिला स्तर तथा ब्लॉक स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान के बारे में किसानों को जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में यह जानकारी ग्राम पंचायत स्तर पर भी मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी दी जाएगी जिससे किसानों को खेती करने में मौसम के पूर्वानुमान का फायदा मिल सकेगा।
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