सच कहूँ/अशोक राणा, कलायत। चंडीगढ़-हिसार राष्ट्रीय मार्ग पर स्थित कलायत बस स्टेंड असुविधाओं के जंजाल में फंसा है। स्थिति इस कदर दयनीय है कि बस स्टेंड के साइन बोर्ड अपना अस्तित्व खो चुका है। जहां तक बात स्वच्छता की है महज एक कर्मचारी के सहारे साफ-सफाई व्यवस्था है। सीसीटीवी कैमरों, बिजली, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। अमित कुमार, राहुल, मोहित, अमन, सुनील, सुमित, सुरेंद्र कुमार और दूसरे यात्रियों ने बताया कि यातायात सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है।
जमीनी स्तर पर सब कुछ होचपोच है। बस स्टेंड भवन के पीछे जंगली घास और कूड़ा-कर्कट के ढेर लगे हैं। भवन पर रखी पानी की टंकी बुरी तरह टूटी है। कलायत क्षेत्र के लोगों को लंबे संघर्ष के बाद बस अड्डा की सौगात मिली थी। हर किसी को उम्मीद थी कि बस अड्डा से यात्रियों को सहूलियत मिलेंगी। कुछ समय तो सब ठीक चला लेकिन अब हर तरफ समस्याएं सिर उठाए हैं।
एक महिला सफाई कर्मी के कंधों पर सफाई का जिम्मा
कलायत बस स्टेंड पर लोगों को स्वच्छ जल मुहैया करवाने के लिए पानी की टंैकियों को दुरुस्त करने के निर्देश सरकार ने दिए थे। लेकिन जिनके कंधों पर जमीनी स्तर पर कार्य करने का दायित्व था उन्होंने पानी की टंकियों को तसलों से ढांपकर अपने दायित्व की इतिश्री कर दी। एक महिला सफाई कर्मचारी को सफाई आयोग की गाइड लाइन को दर किनार अकेले बस स्टेंड पर ड्यूटी पर तैनात किया गया है। इसी महिला के कंधों पर भीड़भाड़ वाले बस स्टेंड पर पुरुष शौचालयों की सफाई का दायित्व है।
क्या कहते हैं बस स्टेंड प्रभारी ओमप्रकाश
इस बारे में जब कलायत बस स्टेंड प्रभारी ओमप्रकाश से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पानी की टंकी, सफाई, साइन बोर्ड और अन्य सुविधाओं को लेकर उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत करवाया है। उम्मीद है कि अधिकारी जल्द समस्या का हल करेंगे।
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