स्वीटलक इन्सां, पर्लमीत इन्सां व मेधांश सोनी को उपायुक्त ने किया सम्मानित
सरसा। सेंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल में वीरवार को मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यातिथि के रूप में जिला उपायुक्त प्रदीप कुमार व विशिष्टि अतिथि के रूप में अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह व एसडीएम जयवीर यादव ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम अरोड़ा इन्सां ने की। कार्यक्रम में विशेष रूप से डॉ. शान-ए-मीत जी इन्सां ने शिरकत की।
मेधावी विद्यार्थियों व मुख्यातिथियों द्वारा स्कूल प्रांगण में पौधारोपण
सर्वप्रथम मेधावी विद्यार्थियों व मुख्यातिथियों द्वारा स्कूल प्रांगण में पौधारोपण किया गया। इसके पश्चात मुख्यातिथि उपायुक्त प्रदीप कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। तदोपरांत सेंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल के तीन मेधावी छात्र-छात्राओं को ट्राफी, सर्टिफिकेट व गिफ्ट देकर सम्मानित किया।
सम्मानित होने वालों में गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने वाली स्वीटलक इन्सां (पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की नातिन), इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड बनाने वाली पर्लमीत इन्सां (पूज्य गुरु जी की पौत्री), इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्डस में शामिल कलेंडर ब्वॉय मेधांश सोनी शामिल हैं। इसके अलावा इंटरनेशनल ओलंपियाड में विजेता अफ साना-ए-मीत (पूज्य गुरु जी के नाती), गुरलीन कड़वासरा, सौम्या व रीतप्रीत को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि सेंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए दी जा रही सुविधाएं काबिले तारीफ हैं। शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थानों के बच्चों ने शिक्षा के साथ-साथ खेलों के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवाया है। रोलर स्केटिंग, योगा, जूडो सहित खेलों में देश के लिए मैडल जीतकर हम सभी का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अगर जीवन में कुछ करना चाहते हैं तो उसके लिए पहले अपने लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, जिससे कामयाबी मिलने की राह आसान हो जाती है। इस अवसर पर मेधांश सोनी के सवाल कि आईएएस बनने के लिए क्या करना चाहिए पर उपायुक्त ने कहा कि अब बच्चे जितनी पढ़ाई कर रहे हैं, अगर इतनी ही शिद्दत से पढ़ाई जारी रखी जाए तो आईएएस बनने से कोई नहीं रोक सकता।
कार्यक्रम के अंत में सेंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम अरोड़ा इन्सां व डेरा सच्चा सौदा के सीनियर वाइस चेयरमैन डॉ. पीआर नैन इन्सां ने शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थानों में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन दिशा-निर्देशन में दी जा रही सुविधाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। वहीं इस दौरान कलेंडर ब्वॉय मेधांश सोनी की माता ममता सोनी ने अपने विचार रखे। स्वीटलक इन्सां, पर्लमीत इन्सां व मेधांश सोनी ने भी अपनी सफलता संबंधी विचार सांझा किए।
इस दौरान संस्थान की ओर से मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। स्वीटलक इन्सां के पिता डॉ. शान-ए-मीत इन्सां (पूज्य गुरु जी के दामाद) ने कहा कि उनकी बेटी ने जो गिनीज रिकॉर्ड बनाया है, उसमें सबसे बड़ा योगदान उनकी मम्मी चरणप्रीत कौर जी इन्सां का है। जिन्होंने ही स्वीटलक को रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार किया। उन्होंने कहा कि ड्रीम बनाकर विद्यार्थियों को आगे बढ़ना चाहिए।
इस अवसर पर शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. शीला पूनिया इन्सां, ब्वॉयज स्कूल के प्रधानाचार्य आर.के. धवन इन्सां, शाह सतनाम जी ब्वॉयज कॉलेज प्राचार्य डॉ. एसबी आनंद इन्सां, वाइस प्रिंसीपल डॉ. दिलावर इन्सां, शाह सतनाम जी कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन की प्रशासिका डॉ. चरणप्रीत ढिल्लो इन्सां, सेंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल बॉयज विंग के प्रधानाचार्य अभिषेक, मेधांश सोनी के पिता कपिल सोनी सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
होनहार में ये है टेलेंट
बता दें कि नेत्रहीन कैलेंडर बॉय मेधांश सोनी इतना इंटेलीजेंट है कि वह यह भी बता सकता है कि करीब 30 साल बाद या 30 साल पहले कौन सी तारीख पर कौन सा वार होगा। इसके बारे में कुछ ही पल में बता देता है। इस काबलियत के चलते उसका नाम इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। स्वीटलक इन्सां ने एक मिनट में सर्वाधिक 104 देशों के झंडों की पहचान कर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया है। जबकि पेरियॉडिक टेबल को मात्र 38 सैकिंड में सुना कर पर्लमीत इन्सां ने इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में अपना नाम लिखवाया है।
सेंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल में बेहतरीन सुविधाएं : डीसी
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि सेंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए दी जा रही सुविधाएं काबिले तारीफ हैं। शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थानों के बच्चों ने शिक्षा के साथ-साथ खेलों के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवाया है। रोलर स्केटिंग, योगा, जूडो सहित खेलों में देश के लिए मैडल जीतकर हम सभी का गौरव बढ़ाया है।
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