प्रधानमंत्री की अपील के बाद भी किसान असंतुष्ट क्यों दिखे

Farmers Protest

देशभर में 18 फरवरी को रेल रोकेंगे किसान

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। दिल्ली सीमा पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। किसान और सरकार के बीच गतिरोध अभी भी कायम है। कल प्रधानमंत्री के लोकसभा में दिए बयान का भी किसानों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। किसान अपनी मांग पर अडिग है। उधर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आंदोलन को और तेज करने के लिए 18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम चार बजे तक देशभर में रेल रोकने का फैसला लिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य डॉ. दर्शन पाल ने संवाददाताओं को बताया कि 18 फरवरी को देशभर में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेल रोको आंदोलन किया चलाया जाएगा। गत छह फरवरी को राजमार्गों पर रोके गए यातायात की तर्ज पर यह कार्यक्रम भी पूरी तरह से शांतिपूर्वक होगा।

इसके अलावा 12 फरवरी से राजस्थान के सभी रोड टोल प्लाजा को टोल मुक्त करवाया जाएगा। 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों के बलिदान को याद करते हुए देशभर में कैंडल मार्च , मशाल जुलूस और अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जबकि 16 फरवरी को किसान मसीहा सर छोटूराम की जयंती के दिन देशभर में किसान एकजुटता दिखाएंगे। किसान नेता डा. दर्शनपाल, राकेश टिकैत, बलबीर राजेवाल, रलधू सिंह मानसा, जगजीत सिंह डलेवाल और युद्धबीर सिंह ने बताया कि किसान संगठनों को यह विशेष तौर पर हिदायत दी गई है कि वह चक्का जाम की तरह शांतिपूर्ण ढंग से यह आंदोलन सफल करें ताकि सरकार तक एकजुटता का संदेश जाए।

किसान मोर्चा के टूटने के सपने देखना छोड़ दे सरकार : टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के नेता एवं संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य राकेश टिकैत ने बुधवार को केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वह किसान मोर्चा के टूटने और आंदोलन के बिखरने के सपने देखना छोड़ दे। टिकैत ने केंद्र सरकार को चेताया कि वह जाति-धर्म के नाम पर किसान को बांटने की साजिश बंद करे। उन्होंने कहा कि किसान की कोई जाति नहीं होती है। किसान 36 बिरादरी में हैं और किसी ना किसी रूप से हर बिरादरी खेती से जुड़ी है , इसलिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) का यह षड़यंत्र यहां नहीं चलेगा।

 

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