नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को अक्टूबर तक किसान आंदोलन चलाने की घोषणा की। टिकैत ने गाजीपुर सीमा पर संवाददाताओं से कहा कि कृषि सुधार कानूनों और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर दो अक्टूबर तक आंदोलन चलेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के पास समय की कमी नहीं है वे खेती के साथ साथ दिल्ली की सीमा पर आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली की एक एक कील काट कर वापस जायेंगे। भविष्य में आंदोलन का स्वरूप क्या होगा इस पर उन्होंने साफ साफ कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि सरकार को व्यापारियों कि चिंता है किसानों को नहीं।
टिकैत ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने और तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि किसानों और उनकी जो भी समस्याएं हैं उन पर सभी पक्षों की समिति बनाने की जरूरत है। इस बीच किसान संगठन ने आज के चक्का जाम हड़ताल को सफल बताया है।
बंद का आह्वान 12 बजे से तीन बजे तक किया गया था। इस दौरान एक्सप्रेस वे पर वाहनों को लंबी कतारें लग गई लेकिन एम्बुलेंस को आने जाने दिया गया। कुछ स्थानों पर लोगों को खाने पीने का भी प्रबंध किया गया था। इस आंदोलन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को शामिल नहीं किया गया था। चक्का जाम आंदोलन के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे और कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया था। पंजाब और हरियाणा में अनेक स्थानों पर बंद का व्यापक असर देखा गया। दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठन पिछले 70 दिन से अधिक से आंदोलन कर रहे हैं ।
हिंसा की आशंका के मद्देनजर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल नहीं
- सरकारों और प्रशासन ने सुरक्षा के किए कड़े इंतजाम, ड्रोन से निगरानी
तीन कृषि कानूनों को रद्द और एमएसपी की गारंटी संबंधी कानून की मांग को लेकर पिछले दो माह से भी ज्यादा समय से किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। वहीं केन्द्र सरकार के साथ किसानों की 11 दौर की बातचीत नाकाम हो चुकी है। सरकार जहां लगातार विरोध कर हैं, वहीं सरकार इन कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है। अब आंदोलन को और धार देने के लिए किसान संगठन आज शनिवार को तीन घंटे के लिए देशव्यापी चक्का जाम कर दिया है।
कांग्रेस सहित लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने इस चक्का जाम को अपना समर्थन दिया है। चक्का जाम के मद्देनजर दिल्ली में 50 हजार के करीब सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 12 मेट्रो स्टोशनों को को भी अलर्ट पर रखा गया है। किसान नेताओं का कहना है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा, क्योंकि यहां से सूचनाएं मिली हैं कि कुछ लोग चक्का जाम की आड़ में हिंसा फैला सकते हैं, इसलिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से देश के अन्य हिस्सों में तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों को बाधित करेंगे।
ड्रोन से रखी जा रही है नजर
किसानों द्वारा ‘चक्का जाम’ के आह्वान के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। लोनी बॉर्डर (गाजियाबाद) में हर स्थिति पर नजर रखने के लिए आसमान में प्रशासन के ड्रोन उड़ रहे हैं।
बता दें कि बजट में किसानों की अनदेखी करने और दिल्ली की सीमा के आंदोलन स्थलों पर इंटरनेट बंद किए जाने, 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों के ट्रैक्टर जब्त और दिल्ली बॉर्डर को सील किए जाने के विरोध में ये चक्का जाम किया जा रहा है। इस दौरान किसान आमजन को अपनी समस्याओं से भी अवगत करवाएंगे।
हरियाणा
भिवानी जिले में कितलाना टोल, धनाना, मुंढाल, प्रेमनगर, जुई, खरकड़ी, बहल, बामला, बारवास, तोशाम, बवानीखेड़ा, सोरड़ा कदीम, गोपालवास, सागवान अड्डे, सिवानी आदि 15 जगहों को चिन्हित किया गया है।
हिसार में किसान संगठन नेशनल के साथ-साथ स्टेट हाईवे भी जाम करेंगे।
जींद जिले में खटकड़ कलां और बद्दोवला टोल, जींद-चंडीगढ़ मार्ग, जींद-पटियाला मार्ग, जींद-रोहतक, जींद-गोहाना रोड, जींद-हांसी रोड और अन्य मुख्य मार्गों समेत 15 से ज्यादा जगह
यमुनानगर में 12 जगहों में नेशनल हाइवे पर नजदीक भंभोली गुरुद्वारे के पास, दामला स्टेट हाइवे पुल के नीचे, साढ़ौरा में दोसड़का चौक पर, बिलासपुर में शिव चौक पर, छछरौली में तिकोने चौक पर, पाबनी कलां यमुनानगर से गढ़ी बीरबल रोड पर गुमथला गांव
कैथल जिले में कलायत में नेशनल हाइवे, गुहला चीका में कैथल रोड, ढांड में पंचमुखी चौक, पूंडरी में करनाल रोड पर और पाई में कैथल जींद रोड
करनाल में जीटी रोड पर बसताड़ा टोल प्लाजा निसिंग रोड पर गुरुद्वारे के सामने, असंध में अनाज मंडी के सामने, निगदू में मेन चौक, इंद्री में रम्बा चौक, इंद्री में गढ़ी बीरबल रोड, इंद्री में भादसों चौक के पास कुरुक्षेत्र रोड, जींद हाईवे पर प्योंत टोल प्लाजा, काछवा क्षेत्र में करनाल-ढांढ रोड, मेरठ रोड पर नगला मेघा चौक, बल्ला में असंध-मुनक रोड शामिल हैं।
अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन क़ानून सिर्फ़ किसान-मज़दूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं।
पूर्ण समर्थन!#FarmersProtests
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 6, 2021
क्यों डराते हो डर की दीवार से ? pic.twitter.com/0th1OpRu3u
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 6, 2021
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