चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने फरीदाबाद के निकिता तोमर हत्याकांड के मुख्य आरोपित तौसीफ को झटका दिया है। हाई कोर्ट ने आरोपित तौसीफ की मामले की दोबारा निष्पक्ष जांच की मांग की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी है। हाई कोर्ट के जस्टिस सुदीप आहुलवालिया ने इस मामले में सुरक्षित रखे फैसले को सुनाते हुए यह आदेश जारी किया। कोर्ट ने कि याचिकाकर्ता आरोपित तौसीफ के इस आरोप को नकार दिया कि राजनीतिक नेताओं, मीडिया और पंचायत के दबाव के कारण पुलिस ने जांच की।
तौसीफ ने याचिका में कहा था कि दबाव के कारण पुलिस ने पूरी तरह से त्वरित और पूर्व-निर्धारित तरीके से सिर्फ 11 दिनों की समय सीमा में जांच कर चालान पेश कर दिया। उसने चालान जल्दबाजी में पेश करने व वैज्ञानिक तरीका नहीं अपनाने के आरोप भी लगाए थे। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि जब मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट आएगी तो जांच दल सप्लीमेंटरी चालान पेश कर सकता है। जांच दल के पास सीसीटीवी फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही व काल डिटेल जैसे पुख्ता सुबूत हैं। ऐसे में जल्द चालान पेश करने में दबाव के आरोप सही नहीं है।
21 साल के तौसीफ और उसके साथी मोहम्मद रेहान ने हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में इस पूरे मामले की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की देखरेख में निष्पक्ष तरीके से जांच कराने की मांग की थी। तौसीफ और रेहान के अनुसार उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। उसके खिलाफ मामला मीडिया ट्रायल, पक्षपाती राय और जांच अधिकारियों के धार्मिक पूर्वाग्रह का परिणाम है। इस चालान को उन्होंने इससे पहले 23 नवंबर, 2020 को, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फरीदाबाद के सामने चुनौती दी थी, लेकिन उनकी अर्जी खारिज कर दी गई।
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