नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्य समिति ने इस साल जून तक पार्टी के नये अध्यक्ष का चुनाव संपन्न कराने का फैसला लिया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कार्यसमिति की बैठक के बाद यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस की केंद्रीय कार्य समिति ने मई तक पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया था जिसे इस दौरान होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक माह आगे बढाने का सर्वसम्मिति से फैसला लिया गया। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस संविधान के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा और यह प्रक्रिया हर हाल में जून तक पूरी कर ली जाएगी।
उनका कहना था कि विधानसभा चुनाव के दौरान संगठन के चुनाव में दिक्कत हो सकती है इसलिए जून में संगठन के चुनाव कराने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों ने देश के कुछ राज्यों में इस अवधि में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए संगठन के चुनाव चुनाव समिति के प्रस्ताव के कार्यक्रम से एक माह टालकर जून तक कराने का पार्टी अध्यक्ष से अनुरोध किया और सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। कार्य समिति की बैठक में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर श्री गुलाम नबी आजाद तथा कुछ अन्य सदसयों के आपत्ति जताने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि बैठक में किसी तहर से कोई विवाद नहीं हुआ और सभी सदस्यों ने संगठन के चुनाव एक माह आगे बढाने पर सहमति व्यक्त की है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और किसानों के मुद्दे पर सरकार की चुप्पी खतरनाक : सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसानों का मसला नहीं सुलझाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चुप्पी साधने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि उसे किसानों की मांग मानी चाहिए और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहिये। श्रीमती गांधी ने आज यहां पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेश कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को बरगलाया नहीं जाना चाहिए और उनकी मांग पर विचार होना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा पर चिंता जताते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता जर रही है।
बालाकोट हवाई हमले से संबंधित खबर लीक होने से खुद को देशभक्त कहने वाली भाजपा की पोल खुली है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही संसद का बजट सत्र शुरू होने वाला है और सरकार को इसमें जनता से जुड़े मुद्दों पर व्यापक चर्चा करानी चाहिए। उनका कहना था कि नागरिकों की चिंता से जुड़े सवाल संसद में प्रमुखता से उठाए जाएंगे और सरकार से उन पर जवाब मांगा जाएगा।
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