सहायता को बढ़े हाथ तो इलाज की जगी आस
- अब हो पाएगा 15 वर्षीय बालक का ईलाज
- एक माह में जमा हुए 2.50 लाख रुपए
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। नौवीं कक्षा में अध्ययनरत बालक हनुमान स्वामी के इलाज में मदद के लिए हाथ आगे बढ़े हैं। ऐसे में उम्मीद है कि अब 15 वर्षीय हनुमान का इलाज हो पाएगा। करीब एक माह में ही एक बालक के पिता के खाते में हनुमान के इलाज के लिए करीब 2.50 लाख रुपए जमा हो चुके हैं। 15 वर्षीय हनुमान स्वामी की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। मां अपने बेटे को खुद की किडनी के लिए तैयार है लेकिन परिवार की आर्थिक कमजोरी किडनी ट्रांसप्लांट के कार्य में आड़े आ रही थी। परंतु अब उम्मीद जगी है कि जल्द ही सरकार स्तर पर भी कुछ आर्थिक मदद मिलेगी और हनुमान स्वामी अपने जीवन की नई शुरूआत कर सकेगा।
हनुमान स्वामी के इलाज के लिए प्रयासरत सामाजिक कार्यकर्ता प्रो. सुमन चावला ने बताया कि उन्होंने करीब एक माह पहले उनकी एक अपील पर लोगों ने आगे आते हुए इस परिवार की आर्थिक मदद की है। अब तक हनुमान स्वामी के पिता पवन कुमार स्वामी निवासी टाउन के खाते में करीब 2.50 लाख रुपए जमा करवाए जा चुके हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए चिकित्सकों ने करीब 7 लाख रुपए की आवश्यकता बताई है। शेष रुपयों का बंदोवस्त करने के लिए विधायक चौधरी विनोद कुमार के जरिए सीएमओ आॅफिस से आर्थिक व चिकित्सकीय सहायता हनुमान स्वामी को दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने चिकित्सा मंत्री के निजी सहायक से बात की है।
उन्होंने इलाज के लिए पूरी व्यवस्था करने का भरोसा दिलाया है। प्रो. चावला ने बताया कि वर्तमान में हनुमान डायलिसिस पर है। डॉक्टर के अनुसार उसकी हार्ट वर्किंग पहले करीब 20 प्रतिशत थी जो बढ़कर करीब 35-40 हो गई है। 15-20 दिन बाद हनुमान स्वामी को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा। इलाज के बाद हनुमान स्वामी भी बेहतर जिंदगी जी पाएगा, ऐसी उम्मीद है। साथ ही उन्होंने आर्थिक मदद करने वालों का आभार जताया।
उल्लेखनीय है कि नौवीं कक्षा में अध्ययनरत हनुमान स्वामी की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। कुछ समय पहले हनुमान की अचानक तबीयत खराब हो गई। जांच करवाने पर हनुमान की दोनों किडनियां खराब होने का पता चला। अब हनुमान डायलिसिस पर है। उसे एसएमएस अस्पताल में भी दिखाया गया। सब जगह रेफर हो चुका है। चिकित्सकों ने इलाज 7 लाख रुपए खर्च होना बताया है। लेकिन पवन स्वामी का परिवार आर्थिक रूप से इतना मजबूत नहीं कि वह इतने रुपयों का इंतजाम करवा सके। पवन स्वामी का परिवार इधर-उधर से आटा मांगकर अपना जीवन-यापन करता है। हनुमान की मां सुलोचना देवी ने अपनी किडनी देने को तैयार है।