आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड का अर्थ होता है सामूहिक निवेश। शाब्दिक अर्थों की बात करें तो इसे पारस्परिक निधि कहा जा सकता है। विभिन्न निवेशकों से एकत्र धनराशि से शेयर व प्रतिभूतियों में निवेश करके लाभ अर्जित करने वाले फंड को म्यूचुअल फंड कहते हैं। इसमें निवेश से अधिकतम लाभ अर्जित करने के लिए फण्ड मैनेजर धन का प्रबंधन करते हैं। उपरोक्त प्रकार से अर्जित हर लाभ एवं हानि सभी निवेशकों में समान रूप से वितरित की जाती है। भारत में म्यूचुअल फंड की सभी कंपनियों का पंजीकरण सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया) के अंतर्गत होता है।
सेबी ये सुनिश्चित करती है कि भारत में पंजीकृत हर कम्पनी अपने निवेशकों के हितों के साथ कोई भी खिलवाड़ न करे। म्यूचुअल फंड में बड़ी रकम ही निवेश करना जरूरी नहीं होता। आप म्यूचुअल फंड में मात्र 500 रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं और बाद में इस निवेश को बढ़ाया जा सकता है। आपकी निवेश राशि का कुशल प्रबंधन फण्ड मैनेजर द्वारा किया जाता है। ये पूरी जानकारी एकत्र करने के बाद लाभ दे रहे शेयर एवं अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।
अत: एक नया निवेशक भी सरलता से निवेश कर सकता है। म्यूचुअल फंड के द्वारा हम विविध प्रकृति के माध्यमों में निवेश कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर समझें तो सीधे इक्विटी स्टॉक में निवेश करके सिर्फ कुछ कंपनियों में निवेश किया जा सकता है। दूसरी तरफ म्युचुअल फंड में निवेश किया गया पैसा सैकडों स्टॉक में निवेश किया जाता है। अत: ये कहना गलत न होगा कि म्यूचुअल फंड हमे निवेश की विविधता प्रदान करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहद आसान है। निवेशक आॅनलाइन या आॅफलाइन दोनों माध्यमों से निवेश कर सकते हैं।