नई दिल्ली (Agency): सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को पराली जलाने संबंधी अध्यादेश और प्रस्तावित विद्युत कानून को लेकर आपसी सहमति बन गयी। कृषि सुधार कानून को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच हुयी वार्ता में पराली जलाने को लेकर किसानों पर की जाने वाली कार्रवाई तथा प्रस्तावित विद्युत सुधार कानून में सब्सिडी को समाप्त करने की आशंका पर दोनों पक्षों के बीच सहमित बन गयी।
बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए। तोमर ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई और प्रस्तावित बिजली सुधार कानून में सब्सिडी समाप्त करने की आशंकाओं को दूर कर लिया गया है और इस पर दोनों पक्ष सहमत हैं। किसान संगठन चाहते हैं कि कृषि के लिए मिलने वाली बिजली पर किसानों की सब्सिडी जारी रहे और पराली जलाने की घटनाओं में किसानों पर कार्रवाई नहीं की जाए।
तोमर ने कहा कि किसान तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार उनकी कठिनाईओं पर विचार करने के लिये तैयार है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी है और जारी रहेगा। सरकार इस पर लिखित में आश्वासन देने को तैयार है। किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान संगठनों के साथ वार्ता अत्यंत सौहार्दपूर्ण माहाैल में हुयी और उन्हें विश्वास है कि अगली बैठक में किसानों की समस्याओं का समाधान कर लिया जाएगा। दाेनाें पक्षों के बीच अगली बैठक चार जनवरी को होगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिये अभूतपूर्व कार्य कर रही है। किसानों के मुद्दों पर सरकार संवदेना से विचार कर रही है और उन्हें आशा है कि आगे की बैठक में इसका समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 86 प्रतिशत लघु और सीमांत किसान हैं जिनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिये सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
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