पर्यावरण रक्षक बना अध्यापक गुरप्रीत सरां (Herbal Garden)
फरीदकोट (सच कहूँ न्यूज)। हर्बल गार्डन देखने-सुनने में जितना अच्छा लगता है, उससे कहीं ज्यादा यह पर्यावरण के लिए हितकारी होती है। ऐसे समय में हर्बल पौधों की अहमियत ज्यादा बढ़ जाती है, जबकि चारों ओर प्रदूषण का बोलबाला है। लोगों को रूझान हर्बल पौधों के प्रति बढ़ रहा है, लोगों के सहयोग से हमने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अब तक 82 हर्बल गार्डन तैयार किए है। यह कहना है बीड़ सोसायटी के चेयरमैन गुरप्रीत सिंह सरां। गुरप्रीत पेशे से प्राइमरी अध्यापक है, परंतु पिछले दस सालों से पर्यावरण शुद्धता के लिए काम कर रह है। उन्होंने अब तक फरीदकोट, फिरोजपुर, तरनतारन, बठिंडा, श्रीमुक्तसर साहिब, मोगा आदि जिलों में 82 हर्बल गार्डन तैयार किए है।
- एक गार्डन में औसतन 45 प्रकार के पौधे लगाए जाते है, यह सभी पौधे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।
- इन पौधे जितना पर्यावरण व मानव के लिए फायदेमंद होते है।
- उससे कम पक्षियों के लिए भी नहीं होते।
- उनका प्रयास है कि, और ज्यादा संख्या में हर्बल गार्डन तैयार किए जाए।
45 प्रकार के पौधों से हर्बल गॉर्डन करते हैं तैयार
गुरप्रीत ने बताया कि फिलहाल अभी वह हर्बल गार्डन बाउंड्रीवाल के अंदर ही तैयार कर रहे है, क्योंकि बाउंड्रीवाल के अंदर पौधे ज्यादा सुरक्षित होते है (Herbal Garden) और उनकी समयानुसार देखभाल किए जाने से वह जल्दी तैयार होते है। वह गार्डन में लगाए जाने वाले अधिकांश पौधों को अपनी सोसाइटी के सहयोग से घर पर नर्सरी में तैयार करते है, उसके बाद उसे उनकी सोसायटी के सदस्य लगाते है। हर्बल गार्डन के अलावा भी वह बहुत सारे पौधे लगाए हैं।
- सोसायटी पौधारोपण के अलावा पक्षियों के संरक्षण पर भी काम कर रही है।
- अब तक 22 हजार से अधिक मिट्टी के घरौंदे लगाए जा चुके हैं।
- जिनका सुखद परिणाम भी मिला है, वह लोग यह घरौंदे पुरानी इमारतों, विरासती पड़ों व लोगों के घरों में लगाते है।
- जिसे पक्षियों द्वारा अपने घर के रूप में स्वीकार भी किया जाता है।
- वह अपनी सोसायटी की ओर से प्रदेश के लोगों से अपील करते है।
- सभी लोग कम से कम एक पौधे लगाने के साथ उसकी परवरिश करे।
इससे पर्यावरण शुद्ध होने के साथ ही पक्षियों का वह बसेरा बने और बहुत सी लुप्तप्राय हो रहे छोटे पक्षियों को संरक्षित करने में मदद मिल सके।
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