नयी दिल्ली। लॉजिस्टिक टेक स्टार्टअप, व्हील्सआई टेक्नोलॉजी ने ट्रक मालिकों के साथ किये गये एक सर्वेक्षण के आधार पर कहा है कि टॉल प्लाजा पर फास्टैग से गलत लेनदेन से ट्रक ऑपरेटरों को प्रतिदिन दो से तीन करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। कंपनी ने 5 लाख से अधिक फैस्टैग उपयोगकर्ताओं पर किए गए शोध के आधार पर यह दावा किया है। उसका दावा है कि हर चार फास्टैग लेनदेन में से एक गलत होता है, जिसके परिणामस्वरूप ट्रक मालिक हर दिन अपनी कड़ी मेहनत का कुछ हिस्सा खो देते हैं। इस सर्वेक्षण ने स्टार्टअप को फास्टैग से गलत या दोहरे टोल कटौतियों की स्वचालित पहचान प्रक्रिया और धनवापसी सुविधा विकसित करने के लिए प्रेरित किया।
उसने आज यहां जारी बयान में कहा कि पहली बार लागू की जा रही इस सुविधा में एआई आधारित स्वचालित पहचान प्रक्रिया शामिल है और उन उपयोगकर्ताओं को स्वतः पैसा वापस कर दिया जाता है जिन पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। यह प्रणाली भारत के सभी फास्टैग आधारित टोल प्लाजाओं पर काम करती है। यह तकनीक नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और आईडीएफसी बैंक के साथ मिलकर विकसित की गयी है।
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