एक कहूँ एक, दो कहूँ दुआ,
रटवाती थी हमको बुआ।
टू वन जा टू, टूटू जा फोर,
लगता यारों कितना बोर।
क से कबूतर, ख से खरगोश,
पढ़कर हुआ गुड्डू बेहोश।
ए फॉर एप्पल, बी फॉर बैट,
मोटू नहीं सन्नी बोलो फैट।
उतरी हिन्दी की पगड़ी,
पहनी हमने अंग्रेजी तगड़ी।
डॉ. श्याम सखा ‘श्याम’
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