वार्ता रही विफल, बॉर्डर पर डटे किसान

Kisan-andolan

 किसानों की कुछ शंकाएं जायज: कृषि मंत्री

  •  अगली बैठक 5 दिसंबर को

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में पिछले आठ दिनों से किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इस मुद्दे पर सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था। हालांकि, साढ़े सात घंटे तक चली बैठक के बावजूद भी कोई भी हल नहीं निकल सका है। हालांकि किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि किसानों और सरकार ने अपने-अपने पक्ष रखे। हम लोग शुरू से ही बात कह रहे थे कि भारत सरकार को किसानों की पूरी चिंता है। सरकार को कोई अहंकार नहीं है। हम खुले मन से किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं। किसानों को चिंता है कि नए कानून से मंडी खत्म हो जाएगी।

भारत सरकार यह विचार करेगी कि सशक्त हो और इसका उपयोग और बढ़े। उन्होंने कहा, जहां तक नए कानून का सवाल है, प्राइवेट मंडियों का प्रावधान है। प्राइवेट मंडियां आएंगी, लेकिन सरकार मंडी से कर की समानता हो, इस पर भी सरकार विचार करेगी। यह भी बात सामने आई कि जब मंडी के बाहर कारोबार होगा तो वह पैन कार्ड से होगा। इसलिए हम लोग ट्रेडर का रजिस्ट्रेशन हो, यह भी हम लोग सुनिश्चित करेंगे। नरेंद्र तोमर ने आगे कहा कि किसानों ने कहा कि नए कानून में यह प्रावधान था कि कोई विवाद होता है तो वह एसडीएम कोर्ट में जाएगा।

किसानों की चिंता है कि एसडीएम कोर्ट काफी छोटा कोर्ट है। उसे कोर्ट में जाना चाहिए। हम लोग इस दिशा में भी विचार करेंगे। किसानों ने पराली के आॅर्डिनेंस पर भी बातचीत की। सरकार इस विषय पर भी विचार करेगी। नरेंद्र तोमर ने कहा कि किसान यूनियन की पराली के विषय में एक अध्यादेश पर शंका है, विद्युत एक्ट पर भी उनकी शंका है। इसपर भी सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है। आज बैठक का चौथा चरण समाप्त हुआ है। 5 दिसंबर दोपहर में 2 बजे यूनियन के साथ सरकार की मुलाकात फिर होगी और हम किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे।

उधर किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए है। दिल्ली आने वाले अधिकांश रास्तों को सील कर दिया गया है, वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को अपना आंदोलन खत्म करने की अपील की। बैठक में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि लंच के दौरान बैठक में पहुंचे किसान नेताओं ने सरकारी भोजन को ठुकरा दिया और किसानों ने गुरुद्वारा से भेजा गया लंगर जमीन पर बैठकर खाया।

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “भारत सरकार किसानों से लगातार चर्चा कर रही है और मुझे आशा है कि चर्चा के सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। चौथे चरण की चर्चा में कोई न कोई पक्ष जरूर निकलेगा।”

किसानों की मांग-

  • तीनों कृषि कानूनों को तुरंत वापिस लिया जाए।
  • किसानों के लिए एमएसपी को कानूनी बनाया जाए।
  • एमएसपी को फिक्स करने के लिए स्वामीनाथ फॉमूर्ले को लागू किया जाए।
  • एनसीआर रीजन में वायु प्रदूषण एक्ट में बदलाव को वापिस लिया जाए।
  • खेती के लिए डीजल के दामों में 50% की कटौती हो।
  • देश भर में किसान नेता, कवियों, वकीलों और अन्य एक्टिविस्ट पर जो केस हैं, वो वापिस लिया जाए।

  • हरियाणा मध्य प्रदेश से किसान दिल्ली पहुंचने शुरू
  • किसानों ने कहा जब तक हल नहीं निकलता रास्ते नहीं खुलेंगे
  • किसानों ने एनएच 24 पर लगाया जाम सिर्फ एंबुलेंस को जाने की इजाजत 
  • मेवात के किसान भी खेतों के रास्ते दिल्ली पहुंच रहे हैं 
  • दिल्ली के विज्ञान भवन में पहुंचे किसान नेताओं ने कहा जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी देश के सभी प्रदेशों में और देश की राजधानी दिल्ली के सभी रास्ते बंद रखे जाएंगे
  • किसानों की बैठक में आज गृह मंत्री अमित शाह और उनके मंत्रिमंडल के साथी ले सकते हैं बड़ा फैसला किसानों को भी उम्मीद

 

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