एक बार की बात है कि रामू अपने हाथ से पेट को बजा रहा था। यह देख कर माँ ने उससे कहा, ‘‘बेटा, ऐसे पेट नहीं बजाते। ऐसा करने से हम जो खाना खाते हैं, वो गधों के पेट में चला जाता है।’’
कुछ दिनों के बाद रामू का परिवार किसी के यहां से खाना खाकर आया तो उसके पापा ने कहा, ‘‘आज तो मैंने इतना खाना खा लिया कि बस अब न तो उठा जाता है और न ही बैठा जाता है।’’
इतने में तपाक से रामू बोला, ‘‘पापा, आप अपना पेट बजाइए, ताकि थोड़ा खाना गधे के पेट में चला जाए।’’
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