सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील बनाने के लिए वर्कर और हेल्पर के चयन तथा नियुक्ति के लिए शिक्षा निदेशालय ने नए निर्देश जारी किए है। जिसके तहत अब स्कूलों में (Mid-day meal) मिड डे मील बनाने के लिए 60 वर्ष से अधिक आयु की वर्कर व हेल्पर नहीं रखी जाएगी। जिसको लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है और नए निदेर्शों का पालन करने की हिदायतें जारी की है।
गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दोपहर के समय मिड-डे-मील दिया जाता है। स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मिड-डे-मील मिलता है। कोरोना संक्रमण को लेकर स्कूलों के विद्यार्थियों को घर पर ही सूखा राशन उपलब्ध विभाग द्वारा करवाया जा रहा है।
समय पर करवानी होगी स्वास्थ्य की जांच
सरकारी स्कूलों में तैनात मिड-डे मील के तहत वर्कर-हेल्पर का चयन और उनकी नियुक्ति से पहले स्वास्थ्य की जांच होगी। अगर वर्कर छूत, संक्रमित बीमारी, संसर्ग रोग होगा तो उसकी नियुक्ति नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा प्रत्येक छह माह बाद सभी स्कूलों में कार्यरत मिड-डे मील के कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच करवाना जरूरी होगा। इस दौरान यदि किसी को उक्त बीमारिया मिलती है तो उन्हे भी हटाया जा सकता है।
सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील वर्कर व हेल्पर 60 साल आयु तक ही होंगी। इससे अधिक आयु की वर्करों को नहीं रखा जाएगा। इसी के साथ वर्कर व हेल्परों की समय समय पर स्वास्थ्य जांच करवाना जरूरी होगा। इसी के साथ मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जारी निदेर्शों में चयन की प्रक्रिया भी निर्धारित की है। जिसको लेकर सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए गये हैं।
आत्मप्रकाश मेहरा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सरसा।
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