पंजाब के एक्ट हरियाणा में हुए लागू, तब किसानों को ही होगा हर साल 500 करोड़ का नुक्सान
चंडीगढ़(अश्वनी चावला)। पंजाब की तर्ज पर दूसरे राज्यों में बिल पास करने की जा रही मांग अगर हरियाणा में मान ली जाती है तो इसका फायदा होने की जगह किसानों को ही हर साल 500 करोड़ से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए पंजाब विधानसभा में पास हुए तीनों बिल हरियाणा के किसानों के लिए घातक साबित हो सकते हैं। यह नए कानून धान व गेहूं की फसल पैदा नहीं करने वाले किसानों के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक हंै। जिसके चलते ही हरियाणा की भाजपा सरकार ऐसे बिलों को विधानसभा में लाना तो दूर इस संबंध में बात भी करने को तैयार नहीं है। जबकि दूसरी तरफ किसानों का एक वर्ग पंजाब की तर्ज पर इन बिलों को भी हरियाणा में लागू करने की मांग कर रहा है।जानकारी अनुसार केंद्र सरकार की तरफ से पास किए गए तीन खेती-बाड़ी कानूनों के खिलाफ देशभर में आंदोलन हो रहा है।
पंजाब में कांग्रेस की सरकार होने के चलते केंद्र के तीनों कानूनों के खिलाफ अलग से पंजाब विधानसभा में तीन बिल पास कर दिए गए हैं। जिसमें किसानों को धान व गेहूं पर मिलने वाले न्यूनतम मूल्य को ही प्रोटेक्ट किया गया है और जो भी व्यापारी न्यूनतम मूल्य से नीचे अनाज की खरीद करेगा उसके लिए 3 साल की सजा का प्रावधान किया गया है जबकि अन्य अनाज को अगर कोई भी न्यूनतम मूल्य से नीचे खरीदता है तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। पंजाब में पास इन बिलों को अन्य राज्यों में भी किसान यूनियन की तरफ से लागू करने की मांग की जा रही है अगर यह बिल हरियाणा में लागू हो जाते हैं तो इससे 500 करोड़ रुपये तक का नुकसान हरियाणा के किसानों को उठाना पड़ सकता है जबकि प्रदेश सरकार 500 करोड़ रुपये के फायदे में आ जाएगी।
जिसके पीछे सीधा कारण यह है कि प्रदेश सरकार धान व गेहूं के अलावा पांच ऐसी फसले हैं जिन्हें एमएसपी पर खरीद करती है और खुली मार्केट में उस अनाज को सरकार भेज देती है जिसके चलते हर साल प्रदेश सरकार को 500 करोड़ रुपए का नुकसान अपनी जेब से उठाना पड़ रहा है अगर पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में कानून बन जाते हैं तो प्रदेश सरकार भी सिर्फ गेहूं और धान एमएसपी पर खरीद करेगी जबकि बाकी अन्य फसलों को छोड़ देगी जिससे किसानों को खुद खुली मार्केट में अपनी फसलों को बेचना पड़ेगा और व्यापारी अपने ढंग से खरीद करते हुए कम पैसे देगा।
किस फसल पर कितना उठाना पड़ता है प्रदेश सरकार को नुक्सान-
फसल कुल खरीद (मीट्रिक टन) एमएसपी सरकार को नुक्सान
- सरसों 613234 4200 278.7 करोड़
- सूरजमुखी 13171 5388 27.35 करोड़
- मूंग 3726 7080 1.03 करोड़
- बाजरा 310921 2000 166.21 करोड़
- चना 200 4620 2 लाख
- कुल नुक्सान 473.31 करोड़
पंजाब धान व गेहूं के अलावा कोई फसल खरीद नहीं करता
पंजाब में एमएसपी पर धान व गेहूं को छोड़कर किसी भी फसल की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाती है जिस कारण किसानों को खुद खुली मार्केट में अपने अनाज को बेचना पड़ता है और व्यापारियों की तरफ से तय किए गए एमएसपी से कम रेट पर ही अनाज बेचना पड़ता है। जिसका लगातार पंजाब के किसानों को नुक्सान होता आ रहा है और पंजाब सरकार इस मामले में एक भी पैसा अपनी जेब से खर्च नहीं करती है। जबकि हरियाणा में इन फसलों को एमएसपी पर खरीद करते हुए सरकार सारा नुक्सान खुद उठाती है।
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