चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज) ‘ई-रजिस्ट्रेशन’ के माध्यम से हरियाणा के तहसील कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज एक और बड़ा कदम उठाते हुये भ्रष्टाचार का अड्डा माने जाने वाले परिवहन विभाग के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) कार्यालयों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। खट्टर ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरटीए में सचिव के स्थान पर प्रत्येक जिले में जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) नियुक्त करने की आज घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह नवरात्रों के शुभ अवसर पर शुद्धिकरण का मन बना चुके हैं और आरटीए के बाद हर विभाग जहां पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश है, उसे खत्म करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अलग से एचसीएस अधिकारी लगाने के बाद सरकार की यह दूसरी पहल है कि आरटीए के स्थान पर डीटीओ लगाए जाएंगे। इनकी नियुक्ति दो दिनों के भीतर कर दी जाएगी और अब सभी 22 जिलों में आरटीए की बजाए डीटीओ होंगे। उन्होंने कहा कि तहसील कार्यालयों में बिचौलियों से मुक्ति दिलाने के बाद अब आम जनता को आरटीए कार्यालयों में भी बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा, चाहे वह ड्राइविंग लाइसेंस की बात हो या वाहन पासिंग की बात हो। ऐसे बिचौलियों की एक सूची बना कर डीटीओ को दी जाएगी और यहां तक यह सूची डीटीओ कार्यालयों पर चस्पा की जाएगी। उन्होंने कहा कि माल ढोने वाले वाहनों की फिटनैस की जांच करने के लिए रोहतक के बाद छह और स्थानों अम्बाला, करनाल, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद एवं रेवाड़ी में वाहनों की जांच एवं सर्टिफिकेशन केंद्र खोले जाएंगे।
ओटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक लगाए जाएंगे
खट्टर ने कहा कि 11 जिलों कैथल, झज्जर के बहादुरगढ़, रोहतक, फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर में ओटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक लगाए जाएंगे, जहां कंप्यूटरीकृत मशीनों के द्वारा ड्राईविंग स्किल्स का टेस्ट लिया जाएगा और लाइसेंस बनवाने वालों को किसी दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए कुल 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और ये केंद्र एक साल के अंदर-अंदर खोल दिए जाएंगे।
भ्रष्टाचार का मुख्य कारण वाणिज्यिक वाहनों की ओवरलोडिंग
इसी प्रकार, वाणिज्यिक वाहनों की ओवरलोडिंग भी एक भ्रष्टाचार का मुख्य कारण है, इस पर अंकुश लगाने के लिए सड़कों पर पोर्टलेबल धर्मकाँटे लगाए जाएंगे, जिससे वाहन चालक को भी पता नहीं लगेगा कि कब उसके वाहन का सड़क पर चलते हुये वजन का तोल हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 45 पोर्टलेबल धर्मकाँटे खरीदे गए हैं और इसकी सफलता के बाद पूरे प्रदेश में और भी पोर्टलेबल धर्मकाँटे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगे से वाणिज्यिक वाहनों की चैकिंग और पासिंग करने वाले वाहन निरीक्षक पर बॉडी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे सारी कार्रवाई रिकॉर्ड की जाएगी और इसकी मॉनिटरिंग मुख्यालय पर की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन वाहनों में आमतौर पर ओवरलोडिंग की शिकायतें मिलती हैं, इसके लिए ‘ई-रवाना’ सॉफ्टवेयर पहले ही तैयार किया जा चुका है और अब इसे परिवहन विभाग के ‘वाहन’ सॉफ्टवेयर के साथ समेकित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि वर्तमान में आरटीए कार्यालय में पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों की संख्या लगभग सवा लाख है और आरटीए कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 627 है। एक साल के अंदर-अंदर आरटीए कार्यालयों के लिए नई भर्ती की जाएगी। फिलहाल दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्ति से परिवहन विभाग में कर्मियों की कमी पूरी की जाएगी।
खट्टर ने कहा कि वह आज ही स्वयं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों को सरकार के इस निर्णय से अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि डीटीओ के पद पर जरूरी नहीं कि आईएएस या एचसीएस अधिकारी लगाए जाएं, बल्कि इसके लिए अब भविष्य में आईपीएस, एचपीएस या किसी अन्य विभाग के क्लास-1 अधिकारी को भी प्रतिनियुक्ति पर लिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि आरटीए के बाद किसी और विभाग का भी चयन करेंगे जहां पर भ्रष्टाचार की अधिक सम्भावना है और उस पर भी अंकुश लगाया जाएगा। इस अवसर पर परिहवन मंत्री मूलचंद शर्मा, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी तथा सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक पी. सी. मीणा के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।