कलायत (सच कहूँ/अशोक राणा)। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के रामगढ़ रोड पर स्थित विवादित गोदाम में रखी गई सैकड़ों क्विंटल गेहूं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण खराब होने की कगार पर पहुंच चुकी है। गोदाम में लगाई गई अधिकतर गेहूं पानी लगने से काली पड़ चुकी है और कुछ अंकुरित होकर खराब हो चुकी है। स्थानीय निवासी सुनील कुमार, राजेंद्र सिंह, शीशपाल व अन्य लोगों ने बताया कि रामगढ़ रोड़ पर बने गोदामों में रखी गई हजारों क्विंटल गेहूं रखी हुई है। कई स्टेगों में तो गेहूं इतनी खराब होती है कि वह इंसानों के खाने लायक तो क्या जानवरों के खाने के लायक भी नहीं है। ऐसे में जो गेहूं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग गोदाम से भेजा गया, वह डिपो धारकों द्वारा गरीब परिवारों में अनाज सप्लाई किया जा रहा है। उस खराब हुए अनाज से गरीब परिवारों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से गोदामों में रखी गई खराब गेहूं को लेकर आशंका जाहिर की गई फ्लोर मिल से जो मिड-डे-मील व अन्य जगहों पर आटा सप्लाई होता है, क्या वह आटा खाने लायक है या नहीं। उन्होंने फ्लोर मिल में रखी गई गेहूं के आटे की जांच की मांग की है। उन्होंने खराब हुई गेहूं के लिए जिम्मेवार लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ जांच के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई की मांग की है।
पहले वजन बढ़ाने के लिए भिगोया जाता है गेहूं
शिकायतकर्ता चौकीदार कुलदीप सिंह ने बताया कि जब गोदाम से गेहूं का उठान होता है तो उसे 3 या 4 दिन पहले वजन बढ़ाने के लिए रात में चोरी छुपे भिगोया जाता है। जितना भी वजन बढ़ता है उसको विभागीय अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर चोरी छुपे मिलों में बेच दिया जाता है। घोटालेबाजों को यह मतलब नहीं होता कि गेहूं खराब हो रही है या नहीं। उन्हें सिर्फ अपनी जेबें भरने से मतलब होता है। कुलदीप ने बताया कि कथित घोटालेबाज अधिकारियों द्वारा पानी से बढ़ाई गई गेहूं के वजन के अनुसार उतनी ही गेहूं को निकाला जाता है और उस गेहूं को फ्लोर मिल में सस्ते दामों पर लगभग 14 से 15 रुपए किलो में बेच दिया जाता है।
करवाई जाएगी जांच : डीएफएससी
डीएफ एससी प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के रामगढ़ रोड स्थित में गोदाम में रखी गई गेहूं के रख रखाव की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी। किसी विभागीय अधिकारी की लापरवाही के कारण खराब हुई है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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