नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि हाल ही में लाए गए क्रांतिकारी कृषि कानूनों का देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मौजूदा मंडी प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा बल्कि किसानों को स्वंतत्रता मिलने और वैकल्पिक बाजार उपलब्ध होने से अब वे अपनी उपज मंडी परिसर के बाहर कहीं भी- कभी भी उचित दाम पर बेच सकेंगे और अधिक मुनाफा कमा सकेंगे। तोमर ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित इंडिया इंटरनेशनल फूड एंड एग्री वीक का शुभारंभ करते हुए कहा कि केंद्र की ओर से लाए गए क्रांतिकारी कृषि कानूनों का देश में एमएसपी और मौजूदा मंडी प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा बल्कि किसानों को स्वंतत्रता मिलने तथा वैकल्पिक बाजार उपलब्ध होने से अब वे अपनी उपज मंडी परिसर के बाहर भी किसी को- कहीं भी- कभी भी उचित दाम पर बेच सकते हैं। एग्रो एंड फूड टेक के 14वें संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि सरकार कृषि एवं खाद्य क्षेत्र के निरंतर विकास के लिए प्रतिबद्ध है इसीलिए अनेक सुधार और पहल की गई हैं।
नये सुधार के तहत ‘एक देश-एक बाजार’ तथा फार्म-गेट अधोसंरचना के माध्यम से आमूलचूल बदलाव आएगा और किसानों की आय बढ़ेगी। नए कृषि कानून से किसानों के हित में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। कतिपय लोग अपने निजी स्वार्थों के चलते भ्रम फैला रहे हैं और गुमराह करने की असफल कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारे देश के जागरूक किसान उनकी ये चालें बखूबी समझते हैं। उन्होंनें कहा कि एमएसपी और मंडी प्रणाली जारी रहने के साथ ही नए प्रावधान के तहत संविदा खेती का जो करार होगा वह केवल किसानों की फसल के लिए ही होगा, जमीन किसानों की अपनी ही रहेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्यान्न और किराना बाजार विश्व का छठां सबसे बड़ा बाजार है। भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, देश के खाद्य बाजार का 32 प्रतिशत होने के साथ ही देश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। युवाओं द्वारा ज्यादा उपभोग की आदतें इसे और भी बड़ा बना रही हैं।
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