हाथरस केस: सुप्रीम कोर्ट में योगी सरकार की दलील-कुछ मीडियाकर्मी और राजनीतिक दल सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने में जुटे

UP Government

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में सामूहिक दुराचार और हत्या कांड की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के निर्देश देने का उच्चतम न्यायालय से भी अनुरोध किया है तथा कहा है कि इस घटना के बहाने कुछ मीडियाकर्मी और राजनीतिक दल जातीय और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के कुत्सित प्रयास में जुटे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस मामले की सुनवाई से पहले ही बगैर नोटिस के ही अपनी ओर से मंगलवार सुबह एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया है कि हाथरस कांड के बहाने राज्य सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया, टीवी और प्रिंट मीडिया पर आक्रामक अभियान चलाए गए। उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे में बड़ा दावा किया गया है कि परिवार के मंजूरी के बाद और हिंसा से बचने के लिए पीड़िता का अंतिम संस्कार आधी रात को किया गया था।

योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए

राज्य सरकार ने कहा कि कुछ मीडियाकर्मी और राजनीतिक दलों के लोगों ने हाथरस कांड के बहाने अपने निहित स्वार्थ के लिए जातीय और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हलफनामा में कहा गया है, ‘चूंकि यह मामला पूरे देश के आकर्षण के केंद्र में आ गया है, इसलिए इसकी केंद्रीय एजेंसी से जांच होनी चाहिए।

यह भी पढ़े – थानागाजी सामूहिक दुराचार मामले में चार दोषियों को आजीवन कारावास

हल्फनामे की मुख्य बातें

  • योगी सरकार ने हाथरस केस में हलफनामा दायर कर शीर्ष अदालत को सीबीआई जांच का निर्देश देने की मांग की।
  • इस मामले में अब तक हुई जांच का विस्तृत ब्योरा न्यायालय को सौंपा।
  • योगी सरकार का दावा-कुछ निहित स्वार्थ निष्पक्ष न्याय के रास्ते में रोड़ा अटका रही हैं।
  • शीर्ष अदालत से सीबीआई जांच की निगरानी करने का भी आग्रह किया गया है।
  • हलफनामा में कहा गया है कि राज्य सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुकी है ताकि निहित स्वार्थों की ओर से फैलाए जा रहे झूठ और प्रपंच से पर्दा उठ सके।

 

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।