एक बार एक मेढ़क का समूह जंगल में घूम रहा था। तभी अचानक उन समूह में से दो मेढ़क एक गहरे गड्ढे में गिर गये। जब उनके साथी दूसरे मेढ़कों ने उन्हें गहरे गड्ढे में गिरे हुए देखा तो वे बोले की आप इस गड्ढे से बाहर नहीं निकल सकते और अब आप अपनी मौत के बहुत नजदीक हो। उन दो मेढ़कों ने उनकी बातों को इग्नोर कर दिया और अपनी पूरी ताकत से उस गड्ढे से बाहर निकलने के लिए छलांग मारने लगे।
वे मेढ़क फिर उन दो मेढकों से बोले, रुक जाओ तुम इस गड्ढे से बाहर नहीं निकल सकते और तुम दोनों मौत के बेहद करीब हो। अंतत: एक मेढ़क ने उनकी बात सुन ली और हार मान ली जिस कारण वह गिर कर मर गया जिससे उसकी मौत हो गयी।
लेकिन दूसरा मेढ़क अपनी पूरी ताकत से लगातार जम्प मार रहा था। एक बार फिर, मेढ़क का समूह उस मेढ़क को बोला की, इतना दु:ख मत सहो क्योंकि मौत तुम्हारे बहुत नजदीक है। उसने फिर दोबारा से अपनी सारी ताकत लगा कर जम्प मारा और फाइनली वह गड्ढे से बाहर निकल आया। जब वह ऊपर आया तो उससे मेढक का समूह बोला, क्या उसने हमारी बात नहीं सुनी। तब वह मेढ़क उनको बोला, वह बहरा है और मुझे लगा की आप सब ऊपर आने के लिए मेरा उत्साह बढ़ा रहे होंगे। दोस्तों, आपके शब्दों में जीवन और मृत्यु देने की शक्ति है।
आप चाहे तो किसी को अपने शब्दों से एक नई उम्मीद दे सकते हो तो वही अपने शब्दों के द्वारा किसी की उम्मीद को हमेशा के लिए तोड़ भी सकते हो। हमें कभी भी किसी इन्सान को ऐसे शब्द नहीं बोलने चहिये जिससे उसकी हिम्मत टूटे या उसका मनोबल गिर जाए। इसके बजाय आपको उस इन्सान का उत्साह बढ़ाना चहिये जिसका मनोबल गिरा हो, आपके उत्साह बढ़ाने से क्या पता उसे नयी उम्मीद मिल जाए। इसलिए आप क्या कह रहे है इस बात का हमेशा ध्यान रखे। शब्दों में बहुत ताकत होती है। कभी-कभी यह समझना मुश्किल होता है कि एक उत्साहजनक शब्द किसी को कितना प्रोत्साहित कर सकते है।
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