नई दिल्ली। बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और डेनमार्क ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे दोनों देशों के बीच परम्परागत ज्ञान का संरक्षण हो सके और इस क्षेत्र में अनुभवों का आदान प्रदान कर सकें। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को यहां बताया कि उद्योग एवं घरेलू व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव गुरुप्रसाद महापात्रा और डेनमार्क पेटेंट एवं ट्रेडमार्क कार्यालय की ओर से डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वाने ने यहां इस आशय के एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर को दोनों देशों के बीच बौद्धिक संपदा के क्षेत्र के समझौते पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी थी।
समझौते के अनुसार दोनों देश शिक्षण संस्थानों, व्यावसायिक संस्थानों और अन्य क्षेत्रों में बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने के लिए अपने अनुभवों का आदान प्रदान करेंगे तथा एक दूसरे को सहयोग देंगे। दोनों देश मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे और विशेषज्ञों का आदान प्रदान करेंगे। दोनों देश एक दूसरे की बौद्धिक संपदा के अधिकारों की रक्षा करेंगे। दोनों देश समझौते को लागू करने के लिए द्विवर्षीय योजना बनाएंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करेंगे।
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