रोजाना लगाते है 10 किलोमीटर दौड़
कालांवाली। विनोद अरोड़ा । आज कल की युवा पीढ़ी नशें की ओर अग्रसर हो रही है नशे की लत से युवाओं की आदतें भी दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है रात को लेट सोंना और सुबह लेट उठने से सेहत खराब हो रही है। वहीं गांव असीर के 62 वर्षीय वृद्ध युवाओं के लिए प्रेरित स्त्रोत बनें हुए हैं। आमतौर पर इस उम्र में लोग आराम करते है । जी हॉ हम बात कर रहे है उपंमडल के गांव असीर के रहने वाले 62 वर्षीय हरमंदर सिंह की, जो इस उम्र में फिटनेस पर भी विशेष ध्यान दे रहें है। एक छोटे से गांव में रहने के बावजूद और मूलभूत सुविधाओं के अभाव से भी जमीनी स्तर पर जुडे होनें के बावजूद इंडिया लेवल पर गोल्ड मैडल जीतकर अपने गांव व देश का नाम रोशन कर चुके है। उन्होंनें बताया कि वह रोजाना सुबह चार बजे उठकर दस किलोमीटर की दौड लगाते है। इसके साथ-साथ वह लगभग एक घण्टा योगा करते है जो इस उम्र में बहुत बड़ी बात है। गांव व आस-पास के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।
डाइट का रखते हैं पूरा ध्यान
62 वर्षीय हरमंदर सिंह ने बताया कि वह संपूर्ण पोषक आहार लेते हैं जिसमें दुध,अखरोट, काले चने, हरी सब्जय़िां व फ्रूट भरपूर मात्रा में लेते हैं। इसके इलावा तली व मसालेदार खाद्य पदार्थो से परहेज करते है और 62 वर्ष की आयु में भी रोजाना 10 किलोमीटर दौड़ लगाते है।
अब तक नौ मेडल ले चुके हैं
उन्होंनें बताया कि 2013 में इंडिया लेवल पर 1500 मीटर रेस, 5000 मीटर रेस व 10 किलोमीटर रेस में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। जबकि 2018 में स्टेट लेवल पर 400 मीटर रेस,1500 मीटर व 5 किलोमीटर रेस में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। इसके इलावा इसी 60 वर्ष की आयु वर्ग में 400 मीटर रेस,1500 मीटर व 4 गुणा 400 रेस में गोल्ड मैडल प्राप्त किया।
उपमंडल कालांवाली के गांव असीर में रहते हुए हरमंदर सिंह खेती-बाड़ी का कार्य करते थे। उनके एक बेटा व दो बेटियां हैं। सभी बच्चे शादीशुदा है। उनका बेटा विदेश में सेटल है। उसने बताया कि उन्हें बचपन से गेम में दिलचस्पी थी और वह स्कूल टाइम में भी स्कूल कंपटीशन में भाग लेते रहते थे। उन्होंने बताया कि अगर उन्हें कभी किसी कंपटीशन में डेरा सच्चा सौदा सिरसा की ओर से खेलने का मौका मिला तो वह जरूर गेम में भाग लेंगे और मेडल भी जरुर जीत कर लाएंगे।
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