बोले- सरकार क्यों नहीं देती एमएसपी
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धान की जल्द खरीद और 25 क्विंटल की लिमिट खत्म करने की मांग
सच कहूँ/अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एमएसपी में बढ़ोत्तरी के आंकड़े पेश कर सरकार को आईना दिखाया है। उनका कहना है कि यूपीए सरकार के मुकाबले ये बढ़ोत्तरी कहीं नहीं ठहरती। आज भी प्रदेश की मंडियों में धान, बाजरा, मक्का, मूंग और कपास एमएसपी से बहुत कम रेट पर पिट रहे हैं। क्योंकि सरकार एमएसपी पर खरीद नहीं कर रही है। हुड्डा ने कहा कि मंडी में किसान को एमएसपी देने और दाने-दाने की सरकारी खरीद करने का लेकर दावा करने वाली सरकार को आज प्रदेश की मंडियों में जाकर देखना चाहिए। प्रदेश की कई मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। लेकिन सरकार खरीद नहीं कर रही है। 1850 रुपये एमएसपी के बावजूद किसान को धान 1000-1200 रुपये में बेचनी पड़ रही है। हुड्डा ने आरोप लगाया कि नए कानून लागू करके सरकार किसानों को जिन प्राइवेट एजेंसियों के हवाले करना चाहती है, आज वो ही एजेंसियां किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर एमएसपी से बहुत कम रेट में उनकी फसलें खरीद रही हैं। जब सरकार मंडियों को कमजोर करके इनको खुली छूट दे देगी तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये एजेंसियां किस तरह किसान का शोषण करेंगी। सरकार को बताना चाहिए कि आज प्राइवेट एजेंसियां किसानों को उचित रेट क्यों नहीं दे रही हैं? हुड्डा ने कहा कि किसान, आढ़ती और विपक्ष सरकार से लगातार मांग कर रहे थे कि धान की खरीद 15 सितंबर से होनी चाहिए। सरकार ने खुद 25 सितंबर से खरीद शुरू करने का ऐलान किया था। लेकिन अब वो 1 अक्टूबर से खरीद शुरू होने की बात कह रही है। सरकार को चाहिए वो जल्द से जल्द धान की खरीद शुरू करे और पिछली बार की तरह इस बार किसान पर 25 क्विंटल की ही खरीद की लिमिट ना थोपे। अगर सरकार किसान से महज 25 क्विंटल धान ही खरीदेगी तो किसान बाकी धान लेकर कहां जाएगा?
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