हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने किया वितरण
चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अगस्त, 2020 तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 566 लाभार्थियों को 400.78 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया करवाई है, जिसमें 36.89 लाख रुपये की सब्सिडी भी शामिल है। निगम के प्रवक्ता ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि निगम द्वारा अनुसूचित जातियों से संबंधित लोगों को विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत ऋण मुहैया करवाया जाता है ताकि वे अपना कारोबार और स्व-रोजगार स्थापित कर सकें। इन श्रेणियों में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, व्यापार और कारोबार क्षेत्र तथा स्व-रोजगार क्षेत्र शामिल हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की सहायता से लागू योजनाओं के तहत भी उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र के अंतर्गत 338 लाभार्थियों को डेरी फार्मिंग, भेड़ पालन, और झोटा-बुग्गी के लिए 192.80 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया गया है। इनमें से 174.72 लाख रुपये बैंक ऋण, 17.86 लाख रुपये सब्सिडी और 22,000 रुपये मार्जन मनी के रूप में जारी किए गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र की योजनाओं के अंतर्गत 10 लाभार्थियों को 7.40 लाख रुपये की राशि मुहैया करवाई गई, जिसमें से 5.66 लाख रुपये बैंक ऋण, एक लाख रुपये सब्सिडी और 74,000 रुपये मार्जन मनी के रूप में जारी किए गए हैं। इसी प्रकार, व्यापार और कारोबार क्षेत्र के अंतर्गत 198 लाभार्थियों को 148.38 लाख रुपये की राशि मुहैया करवाई गई, जिसमें से 115.91 लाख रुपये बैंक ऋण, 17.63 लाख रुपये सब्सिडी और 14.84 लाख रुपये मार्जिन मनी के रूप में जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम की सहायता से लागू योजनाओं के तहत इस अवधि के दौरान 15 लाभार्थियों को 41.20 लाख रुपये जारी किए गए। इसमें राष्ट्रीय अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष ऋण हिस्सा 37.08 लाख रुपये और हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष हिस्सा 3.72 लाख रुपये है। इसके अतिरिक्त, 40,000 रुपये की सब्सिडी भी वितरित की गई। प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम की सहायता से लागू योजनाओं के तहत इस अवधि के दौरान 5 लाभार्थियों को 11.00 लाख रुपये जारी किए गए। इसमें राष्ट्रीय अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष ऋण हिस्सा 9.90 लाख रुपये और हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष हिस्सा 4.82 लाख रुपये है।
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