बाबर का पिता समरकंद का शासक उमर शेख नेक दिल, अत्यंत ईमानदार व न्यायप्रिय था। एक बार चीनी यात्रियों का एक जत्था पूर्व से पश्चिम की यात्रा पर था। लेकिन उसमें से अनेक लोग बर्फीले तूफान में फंसकर खत्म हो गए।
और उनका धन व सामान उमर शेख के राज्य की सीमा में ही रह गया। उमर शेख ने उस स्थान पर कुछ सैनिकों को पहरे के लिए तैनात कर दिया। यदि चाहता तो उस सामान को जब्त कर सकता था या गरीबों में बांट सकता था। लेकिन उसने चीन में इसकी सूचना भिजवाई और एक वर्ष बाद उस जत्थेवालों के परिजन जब वह सामान लेने आए, तब तक उसने चौकसी पर सैनिकों को बैठाए रखा। उसने इस बात का ख्याल रखा कि यह दूसरों का सामान है, उनके लिए इनका बहुत महत्व हो सकता है और इसे उनके लोगों को वापस मिलना ही चाहिए। आम लोग अमूमन ऐसा कहां सोचते हैं।
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