इटावा। आम जनमानस की जीवन शैली को बदलने वाले सूक्ष्म विषाणु कोविड-19 से छुटकारा पाने के लिये देश दुनिया के वैज्ञानिक वैक्सीन के निर्माण में लगे है वहीं छात्रों द्वारा संचालित पर्यावरणीय संस्था का मानना है कि धरती को हरा भरा रख कर न सिर्फ पर्यावरण को संतुलित रखा जा सकता है बल्कि कोरोना समेत भविष्य की गर्त में छिपे अगिनत वायरस के विनाशकारी हमले से खुद को बचाया जा सकता है। ‘पेड़ लगाओ प्रकृति बचाओ’ का संदेश देने वाली पर्यावरणीय संस्था की छात्र संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर कोरोना काल मे हर देश वासी को एक एक पेड़ लगाने और उसको सुरक्षित रखने की गारंटी लेने की पुरजोर अपील की है। छात्र संसद के सयोजंक संजय सक्सेना और कैलाश यादव ने कहा “ कोरोना काल में हर कोई बेहद परेशान नजर आ रहा है।
हर किसी पर कोरोना संक्रमण का खतरा भी मंडरा रहा है, लाखों लोग कोरोना की जद में आ चुके है जबकि हजारों असमय काल की आगोश में समा चुके हैं। हालांकि उन लोगों की संख्या कई गुना ज्यादा है जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी है और उन्हे खुशी का अहसास हो रहा है।” उन्होंने कहा “ अब ऐसी बातें भी कही जाने लगी है कि हमें कोरोना के साथ रहने की आदत डालनी होगी। कोरोना के साथ रहने की बात समझ में नहीं आती है, इसकी जगह यह कहा जाना चाहिए कि हमें प्रकृति के साथ रहना सीखना होगा और जब हम प्रकृति के साथ रहेंगे तो तमाम परेशानियों से बचे रहेंगे।” पर्यावरण छात्र संसद की बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट वालों को एक पेड़ लगाकर संदेश देना चहिये कि वह कहीं ना कहीं प्राकृतिक तौर पर कोरोना संक्रमण से बचे है।
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