बजघेड़ा गांव के स्कूल में हैं कार्यरत
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देश भर से हुआ है 47 शिक्षकों का चयन
सच कहूँ/संजय मेहरा गुरुग्राम। ‘‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो…।’’ इसी सोच के साथ गुरुग्राम के शिक्षक मनोज कुमार लाकड़ा ने शिक्षा के मंदिर में सिर्फ शिक्षा ही नहीं, बल्कि नए प्रयोग, सृजन, पर्यावरण, सामाजिक मुद्दों पर जनजागरण समेत अनेक तरह से सेवा की लौ को जागृत रखा। एक शिक्षक के साथ समाजसेवी बने मनोज कुमार लाकड़ा को उनकी दूरगामी सोच के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 के लिए चुना गया है। खास बात यह है कि देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 शिक्षकों में वे हरियाणा से अकेले चुने गए हैं, 5 सितंबर को उन्हें यह पुरस्कार मिलेगा। गुरुग्राम के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बजघेड़ा गांव में मनोज कुमार वर्तमान में मौलिक मुख्य अध्यापक हैं। कहने को तो बजघेड़ा गांव है, लेकिन वह चारों ओर से गगनचुम्बी इमारतों से घिरा है। इन्हीं इमारतों के बीच गांव के स्कूल में पढ़ाते हैं मनोज कुमार लाकड़ा। आज हरियाणा के हर शिक्षक को मनोज कुमार जैसे शिक्षकों पर गर्व होना चाहिए कि वे अपने प्रदेश के सिरमौर बने हैं। सरताज बने हैं। बेहद ही सादगी के साथ रहने वाले शिक्षक मनोज कुमार लाकड़ा का कहना है कि एक शिक्षक की सफलता तभी होती है, जब उसके विद्यार्थी सफल हो जाते हैं। वर्ष 2014 में उनके पढ़ाए हुए विद्यार्थियों ने 6 मोबाइल ऐप बनाकर उनका मस्तक ऊंचा कर दिया। अमूमन किसी भी मोबाइल ऐप को बीसीए या एमसीए के विद्यार्थी ही बना सकते हैं, उन ऐप को एक सरकारी स्कूल के 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने बनाया। स्नातक हिंदी ऑनर्स, स्नातकोत्तर हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, डिप्लोमा सेक्रेटरीयल प्रेक्टिस व कम्प्यूटर ऑपरेशन की शिक्षा प्राप्त मनोज कुमार लाकड़ा को 20 साल का शिक्षक का अनुभव है।
मिल चुके हैं अनेक सम्मान
मनोज कुमार लाकड़ा को अब तक हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा अनेकों राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जा चुका है। मिलियन स्पार्क फाउंडेशन द्वारा पहला राष्ट्रीय स्तरीय चॉकलिट अध्यापक अवार्ड पाने वाले हरियाणा से एकमात्र अध्यापक हैं। उन्हें दो बार राज्य स्तरीय जवाहर लाल विज्ञान प्रदर्शनी में भी छात्रों सहित सम्मानित किया गया। अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा अनेक मंचों पर विशिष्ट व्यक्तित्वों द्वारा अध्यापक को सम्मानित किया जा चुका है।
मोबाइल ऐप से कई राज्यों के शिक्षकों को फायदा
अध्यापक मनोज लाकड़ा के मार्गदर्शन में 9वीं कक्षा के चार छात्रों द्वारा मिड-डे मिल हरियाणा ऐप को विकसित व डिजाइन किया, जिससे हरियाणा के हजारों शिक्षकों के साथ-साथ अन्य राज्यों के शिक्षकों को भी काफी फायदा हुआ। हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के इस ऐप को अपनाया गया व सभी सरकारी विद्यालयों में लागू किया गया। अध्यापक मनोज लाकड़ा के मार्गदर्शन में इन्हीं छात्रों ने समग्र मूल्यांकन ऐप, फीस रजिस्ट्रार ऐप, फंड व स्टॉक रजिस्टर ऐप, स्कॉउट व गाईड ऐप, प्रगति पथ ऐप को तैयार किया। विद्यालय वेबसाईट, ई-मैगजीन, ब्लॉग एजुकेशनल गेम्स, सरकारी विद्यालयों की गुगल मैपिंग आदि अनेक कार्यों में छात्रों ने नाम रोशन किया।
बिना बिजली का मोबाइल टीवी बनाया
मनोज लाकड़ा द्वारा बिना बिजली का मोबाइल टीवी का निर्माण किया गया, जिससे हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को आसानी से स्मार्ट कक्षा में बदला जा सकता है। यह टीवी मोबाइल से चलता है, जिसमें बिजली कनेक्शन की कोई आवश्यकता नहीं होती। अध्यापक अपने मोबाइल का प्रयोग कर आसानी से अपने विद्यार्थियों को पाठ से सम्बन्धित विडियो को दिखा सकता है और समझा सकता है। मनोज लाकड़ा ने हरियाणा के करीब 1800 विद्यालयों में इस मोबाइल टीवी को अपने जेब खर्च पर मुफ्त में उपलब्ध करवाया है, ताकि बच्चों के कक्षा कक्ष को स्मार्ट बनाया जा सके। अध्यापक द्वारा इस मोबाइल टीवी को ओश स्टेट यूनिवर्सिटी, ओश, कर्गिस्तान में प्रदर्शित किया गया। अध्यापक मनोज कुमार लाकड़ा ने बेहद सस्ते व मात्र दस रुपए के खर्च से वीआर डिवाइस बनाकर इसका प्रयोग छात्रों को समझाने के लिए किया।
क्यू आर कोडिड पुस्तकों का निर्माण
अध्यापक मनोज लाकड़ा के मार्गदर्शन में उनके छात्र हिमांशु कक्षा दसवीं ने एनसीईआरटी की कक्षा पहली से दसवीं की सभी पुस्तकों (अंग्रेजी व हिंदी दोनों माध्यम) को प्रिडियोटिक टेबल ऑफ़ क्यू आर कोडिड पुस्तकों में परिवर्तित करके आईसीटी के क्षेत्र में नवीन कार्य किया।
पेड़ों का क्यू-आर कोड लगा बनाया यादगार
अध्यापक मनोज कुमार ने शिक्षा विभाग में कार्य ग्रहण करने के बाद पौधारोपण कार्य कर कई विद्यालयों की सूरत ही बदल दी। इनकी टीम ने वर्ष 2017 में हरियाणा वन विभाग के साथ मिलकर जिला पलवल में दो लाख पौधों का वितरण कार्य किया, जिसमें हरियाणा वन मंत्री विपुल गोयल द्वारा सम्मानित किया गया। उनके छात्र हिमांशु द्वारा रा.व.मा. विद्यालय बजघेड़ा में लगे हर पेड़ पौधे का क्यू-आर कोड बनाकर चिपकाया गया है, ताकि बच्चे व अभिभावकगण क्यू-आर कोड को मोबाइल से स्कैन कर उस पेड़ से सम्बन्धित सारी जानकारी प्राप्त कर सकें। यह हरियाणा का पहला विद्यालय है, जहां हर पेड़-पौधे पर क्यू-आर कोड लगाए गए हैं। इनके मार्गदर्शन में छात्रों ने जिला व राज्य स्तरीय कला उत्सव, बाल रंग, लीगल लिट्रेसी, रमसा विज्ञान प्रदर्शनी, में संगीत, नाटक, स्किट व सांझी मेकिंग में अनेक पुरस्कार प्राप्त किए।
केबीसी की तर्ज पर क्विज कार्यक्रम
हरियाणा शिक्षा विभाग के लिए मनोज कुमार लाकड़ा के मार्गदर्शन में उनके छात्रों ने केबीसी की तर्ज पर क्विज सॉफ्टवेयर का निर्माण किया, जिसमें केबीसी लाइफ लाईनों का प्रयोग किया गया। हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा यह क्विज सॉफ्टवेयर हर जिले में एवं राज्य स्तरीय क्विज प्रतियोगिताओं में प्रयोग किया जाता है। वहीं हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा कुछ अध्यापकों की टीम ने कक्षा 3-10 तक के सभी विषयवार, पाठवार, व कक्षावार करीब 12,000 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का निर्माण किया गया और इस प्रश्नबैंक को विभागीय वेबसाइट पर अध्यापकों व छात्रों हेतु अपलोड किया गया है। यह विश्व का सबसे बड़ा प्रश्न बैंक है।
महान व्यक्तित्वों की तीन गैलरी निर्माण
उन्होंने अपने जेब खर्च से बजघेड़ा व मोलाहेड़ा गांव के स्कूल में महान व्यक्तित्वों की तीन गैलरी जैसे महान हिंदी साहित्यकार गैलरी, महान वैज्ञानिक गैलरी, महान स्वतंत्रता सेनानी गैलरी का निर्माण किया, जिसमें करीब 75 पोस्टर लगाए गए।
विशाल ग्लोब का कराया निर्माण
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बजघेड़ा और अपने पैतृक गांव छुड़ानी जिला झज्जर के राजकीय उच्च विद्यालय में मनोज कुमार ने अपने जेब खर्च से करीब छह फुट के दो विशाल लोहे के ग्लोब का निर्माण करवाया है। इन ग्लोबों की विशेषता है कि इनमें बिजली की मोटर लगी है जिससे ये अपने एक्सिस पर घूमते हैं।
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