नील आर्मस्ट्रांग का जन्म अमेरिका के ओहियो में 5 अगस्त 1930 को हुआ था। उन्होंने बचपन में एक एयर शो के दौरान ही पायलट बनने का सपना देख लिया था। महज 15 साल की उम्र में नील आर्मस्ट्रांग ने पायलट का लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बैचलर और मास्टर की डिग्री भी हासिल की। कॉलेज के दिनों जब उन्हें अमेरिकी सेना में शामिल होने का अवसर मिला था जिसे उन्होंने स्वीकारते हुए कोरिया युद्ध में हिस्सा भी लिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद नील आर्मस्ट्रांग एक टेस्ट पायलट बने। उनका काम नए हवाई जहाजों को चेक करना होता था। अपने जीवन में उन्होंने 200 से अधिक हवाई जहाजों का टेस्ट किया।
साल 1960 में नासा ने मावन को अंतरिक्ष पर जाने के लिए मिशन तैयार किया और इसके लिए उसे अनुभवी पायलट चाहिए थे। इसके लिए जिन अनुभवी पायलट का चुनाव हुआ उनमें से एक नील आर्मस्ट्रांग थे। 16 मार्च 1966 को नील आर्मस्ट्रांग पहली बार अंतरिक्ष पर गए थे। इस दौरान उनके साथ डेविड स्कॉट भी गए थे। यह दोनों जैमिनी 8 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। साल 1969 में एक मीटिंग में यह फैसला लिया गया की नील आर्मस्ट्रांग को चांद की धरती पर उतारा जाएगा। चांद की सतह पर पहली बार उतरने का अवसर उन्हें उनके अनुभाग और शांत स्वभाव की वजह से मिला। कई सालों की मेहनत के बाद अपोलो 11 अंतरिक्ष यान ने 16 जुलाई 1969 को अपनी उड़ान भरी।
इस अंतरिक्ष यान में नील आर्मस्ट्रांग के साथ बज्ज एल्ड्रिन और माइकल कॉलिंस भी मौजूद थे। इस यान के उड़ान भरने के 5 दिन बाद यानि कि 21 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग का चांद की सतह पर उतरने वाले पहले व्यक्ति गौरव हासिल किया। नील आर्मस्ट्रांग दुनिया के पहले और बज्ज एल्ड्रिन दूसरे व्यक्ति थे जिन्होंने चाँद पर कदम रखा। इन दोनों ने चाँद पर 21 घंटे का समय बिताया। जिस अंतरिक्ष यान से इन्हे चाँद पर भेजा गया था उस यान का नाम ईगल था। 24 जुलाई को यह सब वापस धरती पर लौटे। आज ही के दिन (25 अगस्त 2012) को नील आर्मस्ट्रांग का निधन हुआ था।
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